क्या ऐसा संभव है कि दो व्यक्ति बिलकुल एक-सा ही सोचते हों, एक से शब्द प्रयोग करते हों और समान योजनाएं बनाते हों, फिर भी उनकी आपस में कोई रिश्तेदारी न हो? बात तो असंभव-सी लगती है, लेकिन संगीत निर्देशक विशाल और शेखर से मुलाकात के दौरान यह असंभव भी संभव लगने लगता है।
विशाल और शेखर का आपस में कोई पारिवारिक संबंध नहीं है, लेकिन दोनों का संगीत के प्रति एक-सा समर्पण है, जो उन्हें दो जिस्म और एक जान बना देता है। यही कारण है कि पिछले 15 साल से इनकी जोड़ी व्यक्तिगत और प्रोफेशनल स्तर पर निरंतर मजबूत होती जा रही है।
इस जोड़ी की बनाई धुनें तो हर उम्र के लोगों की जुबान पर चढ़ जाती हैं। 'द डर्टी पिक्चर' का 'इश्क सूफियाना' लोग अब तक गुनगुना रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस शानदार गाने को विशाल-शेखर ने पंजाब के एक नए गायक कमाल खान से गवाया है।
विशाल-शेखर का फिल्मी सफर 12 साल पहले शुरू हुआ और तब से अब तक वे कई हिट फिल्मों में संगीत दे चुके हैं, जिनमें विशेष रूप से 'झंकार बीट्स', 'दस', 'सलाम नमस्ते', 'ब्लफ मास्टर', 'ओम शांति ओम', 'बचना ऐ हसीनो', 'आई हेट लव स्टोरीज', 'रा-वन' और 'द डर्टी पिक्चर' शामिल हैं।
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इस 12 वर्ष के सफर के बारे में विशाल डडलानी कहते हैं कि शेखर के साथ काम करने का यह सफर मजेदार रहा है। पहले हम अलग-अलग रहकर संगीत देते थे, लेकिन जब वे 'प्यार में कभी कभी' में साथ आए तो फिर लगातार साथ में काम करते रहे।
इस सफर के बारे में शेखर रवजियानी का कहना है,'मेरा संबंध एक बिजनेस परिवार से है। मेरे पिता को संगीत सुनने का जबरदस्त शौक था। एक परिवार के रूप में हम सब इकठ्ठे बैठ जाते और पुराने गीत गाया करते थे। इस तरह संगीत से मेरा प्यार बढ़ता गया। मैंने क्लासिकल संगीत सीखा और पियानो बजाना भी सीखा। मेरी मुलाकात विशाल से एक स्टूडियो के बाहर हुई। हम दोनों ने एक-दूसरे के काम को सुना और फिर साथ काम करने का फैसला किया।'
एक टीम के तौर पर उनकी सफलता का राज क्या है? इसके जवाब में विशाल का कहना है, 'हम एक-दूसरे की प्रतिभा और संगीत का सम्मान करते हैं। हम संगीत को हल्के में या लापरवाही से नहीं लेते। जब हम काम करते हैं तो न आक्रामकता होती है और न ही उसमें अहंकार।'
इस सिलसिले में शेखर का कहना है,'अब हमारी जोड़ी को बने हुए 12 साल हो गए हैं और हम एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते व समझते हैं। मैं विशाल को दूसरों की तुलना में कहीं बेहतर जानता हूं। इससे हम दोनों को ही मदद मिलती है। जब हम दोनों धुन बनाने के लिए साथ बैठते हैं तो हमारे विचार काफी मिलते हैं।'
हालाँकि शेखर को पुराने गीत बहुत पसंद हैं, लेकिन समय के साथ संगीत में भी परिवर्तन आ रहा है। इसके बारे में विशाल का कहना है,'कई तरह से हम खुशकिस्मत हैं कि हम संगीत क्रिएट कर रहे हैं। हम संगीत की गति पर नहीं चलते, वह हमारी गति के अनुसार हमारे साथ चलता है।'
विशाल की दिलचस्पी रॉक में भी है और वे पेंटाग्राम रॉकबैंड के लिए प्रस्तुति भी देते हैं। उनके स्टेज शो जीवंत, अलग और विशेष होते हैं। अब तक वे चार ट्रैक रिलीज कर चुके हैं और सभी अच्छा बिजनेस कर रहे हैं। विशाल के जीवन का यह एक पहलू है। दूसरा पहलू शेखर के साथ स्टूडियो में बॉलीवुड के लिए धुन बनाना है।
उधर शेखर का कहना है कि वे दोनों बहुत मजे करते हैं और इस प्रकार म्यूजिक बनता है। वे कहते हैं,'हम एक-दूसरे से तालमेल बिठाते हैं, स्टेज पर जाते हैं, मजा करते हैं, उन लोगों से मिलते हैं जिन्हें हमारा संगीत पसंद है। कोई कॉलेज या स्कूल आपको म्यूजिक क्रिएट करना नहीं सिखाता। अच्छा संगीत देने के लिए आपका ईश्वर से संपर्क होना चाहिए।'
विशाल-शेखर के अपने साथी संगीतकारों के साथ बेहतर संबंध हैं। यही कारण है कि विशाल ने शंकर एहसान लॉय के लिए गीत गाए हैं और शंकर ने विशाल-शेखर के लिए। एहसान ने उनके लिए धुनें बजाई हैं। विशाल ने अमित त्रिवेदी, प्रीतम और सलीम-सुलेमान के लिए भी गाया है। इन दोनों की ताजा-तरीन फिल्म है 'कहानी' तथा आने वाली फिल्में हैं 'शंघाई' और करण जौहर की 'स्टूडेंट ऑफ द इयर'।