ऐसे में जूही चावला ने पर्यावरण और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत में 5जी नेटवर्क की प्लानिंग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है, जिसको लेकर पहली सुनवाई आज होने वाली है। जूही चावला की ओर से दाखिल इस याचिका में मांग की है कि 5G टेक्नोलॉजी को लागू किये जाने से पहले इससे जुड़े तमाम तरह के अध्ययनों पर बारीकी से गौर किया जाए।
एक इंटरव्यू के दौरान जूही चावला ने कहा, हम 5जी नेटवर्क के संचालन के खिलाफ नहीं है लेकिन जिस तरह से देश में तकनीकी प्रगति की जा रही है इसपर ध्यान दे रहे हैं। एक तरफ जहां इससे होने वाले फायदों का लोग आनंद उठा रहे हैं वहीं हमारी अपनी रिसर्च स्टडी में पाया गया है कि वायरफ्री गैजेट और नेटवर्क सेल टावर आरएफ रेडिएशन देते हैं जो स्वास्थ के खिलाफ हानिकारक है।
वहीं जूही चावला के प्रवक्ता ने कहा कि यह केस इसलिए दर्ज किया गया है ताकि कोर्ट की नजर इस मुद्दे पर डाली जाए। ताकि वह हमे बता सकें कि 5जी तकनीक इंसान, जानवर, पक्षियों सभी के लिए सुरक्षित है। वह इस पर रिसर्च करवाएं और बताएं कि 5जी तकनीक का भारत में आना सुरक्षित होगा कि नहीं। नागरिकों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए वह इस बारे में अपना फैसला सुनाएं।