उन्होंने लिखा था, वहीं दूसरी ओर जब राजकुमार राव ने मुझे एक एड फिल्म में देखा तो तभी उन्होंने सोच लिया था कि मैं इससे ही शादी करूंगा। जब हम साथ काम करने लगे तो यह जादू की तरह था। काम को लेकर उनका पैशन देखकर मैं उनका और ज्यादा सम्मान करने लगी।
पत्रलेखा ने लिखा था, हम अपने काम को लेकर बात करते थे। सिनेमा के प्यार को लेकर, पैशन…मैंने उन्हें संघर्ष करते देखा है, उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी है। हमारी लव स्टोरी दूसरी लव स्टोरी जैसी नहीं थी। हम कभी डेट पर नहीं गए, कभी फिल्में देखने नहीं गए और ना ही लॉन्ग ड्राइव पर। हम अपने-अपने घरों में बैठे होते थे।
पत्रलेखा ने बताया था कि एक बार की बात है राजकुमार एयरपोर्ट पर मिलने के लिए जूहू से दौड़ते हुए आए थे। यहां तक कि जब हम बहुत ज्यादा कमाते नहीं थे तो उन्होंने मुझे काफी महंगा बैग गिफ्ट किया था। कुछ साल बाद जब मैं लंदन गई तो वहां उसे किसी ने चुरा लिया। मुझे एहसास हुआ कि वो बैग राजकुमार ने तब खरीदा जब उनके पास बहुत पैसे नहीं थे। कुछ साल बाद मेरे होटल में बिल्कुल वैसा ही बैग रखा था। मुझे एहसास हुआ कि मैं कितनी लकी हूं।