इस बारे में बताते हुए राजेश श्रृंगारपुरे कहते हैं, अपने बच्चों की तारीफ और हौसला अफजाई करके आप उन्हें सकारात्मक रूप से सोचना सिखाते हैं। इससे आप बच्चों को उनकी खूबियां पहचानने और उन पर गर्व करना सिखाते हैं।
उन्होंने कहा, ऐसे में जब भी वो चुनौतियों का सामना करते हैं, तो वो कोशिश जारी रखते हैं और आशावादी बने रहते हैं। यह इसलिए है, क्योंकि तारीफ में कहे गए शब्द बच्चों को अंदर से प्रेरित करते हैं।