प्रीति ने अपने भाषण में कहा, हमारी भारतीय सेना, पराक्रमी ही नहीं, बहुत बहादुर भी है, लेकिन उससे ज्यादा बहादुर और पराक्रमी सबके परिवार वाले हैं। यह तो एक बहुत छोटी सी भेंट है हमारी तरफ से।
इस वीडियो के साथ प्रीति ने कैप्शन में लिखा, जब मैं भारतीय सेना के दक्षिण पश्चिमी कमान के सभागार की तरफ जा रही थी तो मैंने सेना के अधिकारियों और जवानों के पोस्टर देखे, जिन्होंने अलग-अलग बहादुरी पुरस्कार जीते थे। कुछ ने हमारे देश के लिए अपनी जान दे दी, जबकि कुछ युद्ध के मैदान से जख्मों के साथ वापस आए। ये लोग पति, बेटे, भाई और पिता थे। वे हमारे सशस्त्र बलों का हिस्सा हैं और उन्होंने हमारे कल के लिए अपना आज कुर्बान कर दिया!
उन्होंने आगे लिखा, कार्यक्रम में मैं उन महिलाओं से मिली जो इन अपनों को हर दिन और हर पल याद करती होंगी। मैं उनके बच्चों से मिली और उनकी मुस्कान देखी। वहां कोई शिकायत नहीं थी, कोई आंसू नहीं थे - केवल गर्व, शक्ति और बलिदान था। उस सभागार में इतनी बहादुरी थी कि मैं शब्दों से परे विनम्र हो गई। इन वीर नारियों और उनके परिवारों के साथ मंच साझा करना वास्तव में मेरे लिए सम्मान की बात थी।
प्रीति ने लिखा, मैं आपकी सेवा और आपके बलिदान के लिए धन्यवाद कहने के लिए एक छोटा सा योगदान लेकर आई थी। मैं चाहती थी कि उन्हें पता चले कि उन्हें भुलाया नहीं गया है और हम हमेशा उनके ऋणी रहेंगे। मैं जानती हूं कि मेरा देश सुरक्षित हाथों में है जब तक ऐसे हीरो हमारी रक्षा कर रहे हैं। मैंने अपना काम कर दिया है मैं दिल से आशा करती हूं कि आप सभी किसी तरह हमारी सेना के परिवारों के लिए फंड दें।