एक इंटरव्यू के दौरान राम गोपाल वर्मा ने कहा, मुझे लगता है कि इसका प्रभाव लंबे समय तक या शायद हमेशा के लिए रहेगा। क्योंकि फिल्म ने सभी परंपराओं और मानदंडों को तोड़ दिया है। अगर हम 'आरआरआर' को देखें, तो कोई भी इसकी नकल नहीं कर सकता, क्योंकि यह बहुत महंगी फिल्म है।
उन्होंने अपनी फिल्म डेन्जरस की रिलीज को टाल दिया है। फिल्म को लेकर कई थिएटरों से असहयोग का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, थियटर मालिकों ने समलैंगिक थीम के कारण फिल्म को प्रदर्शित करने से इनकार कर दिया है। राम गोपाल वर्मा ने पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि उनकी फिल्म डेन्जरस देश की पहली लेस्बियन क्राइम थ्रीलर है।
उनकी फिल्म फायर और मलयालम फिल्म संचारम से कितनी अलग है के सवाल पर राम गोपाल वर्मा ने कहा, इन फिल्मों और डेन्जरस में समय का फर्क है। धारा 377 को निरस्त करने के बाद सब कुछ सामान्य हो गया है। उनमें और हममें कोई अंतर नहीं रहा। एक पुरुष का किसी महिला के प्यार में पड़ना या पुरुष का किसी पुरुष के प्यार में पड़ना अब एक जैसा है। हम पुरुष और महिला नायक और उनके बीच के केमिस्ट्री के साथ बहुत सारी फिल्में बना रहे हैं। मैंने सोचा कि मुझे एक ऐसी फिल्म बनानी है, जहां सब कुछ वैसा ही हो जैसा फिल्म की मांग है, लेकिन मुख्य जोड़ी समलैंगिक है।
उन्होंने कहा, इससे पहले मेरे लिए एक्टर ढूंढना कठिन था। इस तरह के मुद्दे को लेकर लोगों में हिचक थी। फिल्म की कहानी पसंद करने के बावजूद वे काम करने से इनकार कर देते थे। स्पष्ट रूप से वे अपने परिवार के बारे में सोच रहे होंगे। इसके अलावा कई अभिनेत्रियों को इस बात से दिक्कत होती है कि लोग क्या कहेंगे।