एक कैंडिडेट और इंस्पायर करने वाले राउंड टेबल बातचीत में श्वेता तिवारी, उर्वशी ढोलकिया, हितेन तेजवानी और बी. आर. विजयलक्ष्मी शामिल हुए। इस दौरान श्वेता तिवारी ने पुराने सोच को तोड़ने और उन महिलाओं की तारीफ की जो सब कुछ करने की हिम्मत रखती हैं।
अपना एक अनुभव साझा करते हुए श्वेता ने बताया कि, एक बार उन्होंने अपने घर के दरवाजे की मरम्मत के लिए बढ़ई को बुलाया, और उन्हें हैरानी हुई जब काम करने के लिए एक महिला आई। यह देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई क्योंकि यह देखना ताज़गी भरा था कि महिलाएं भी उन कामों में हाथ डाल रही हैं जो आमतौर पर पुरुष करते हैं। सच में महिलाएं सब कुछ कर सकती हैं।
स्क्रीन पर खुशी नाम की उस महिला किरदार की तरह, जो नियमों को तोड़ती है, श्वेता ने जोर देकर कहा कि ऐसी कहानियां आज की पीढ़ी की हकीकत को दिखाती हैं।
श्वेता ने नई पीढ़ी की हिम्मत और आत्मविश्वास की भी तारीफ की। उनका मानना है कि जेन Z को कोई रोक नहीं सकता। उनके पास अपनी सोच है और जो चाहिए उसे पाने की हिम्मत भी। उन्होंने अपनी बेटी पलक की भी तारीफ की, जो उनके लिए जेन Z का एक बेहतरीन उदाहरण हैं, क्योंकि वो मेहनती, निडर और अपने दम पर सफल हैं।