अपने पोस्ट में सुमोना ने लिखा, मैंने किसी भी पब्लिक प्लेटफॉर्म में इसके बारे में बात नहीं की है। लॉकडाउन मेरे लिए इमोशनली रुप से काफी कठिन है। मैं जॉबलेस हूं और फिर भी अपने परिवार और खुद को खिलाने में सक्षम हूं। कभी-कभी मैं दोषी महसूस करती हूं। खास तौर से जब मैं पीएमएस के कारण लो फील करती हूं। मूड स्विंग्स के कारण ने इमोशनली मुझे तोड़ कर रख दिया है।
सुमोना चक्रवर्ती आगे लिखती हैं, मैंने सोचा आपके साथ ये सारी चीजें शेयर कर दूं ताकि आपको भी पता चले कि हर चमकती हुई चीज सोना नहीं होती है। हालांकि, मेरे लिए ये लिखना आसान नहीं था। ये मेरे कंफर्ट जोन से बाहर है। अगर ये पोस्ट आपके चेहरे पर स्माइल लाता है या फिर आपको प्रेरित करता है तो मुझे लगता है कि मेरा लिखना सार्थक हुआ।