प्रभा अत्रे ने अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही दम तोड़ दिया। प्रभा अत्रे की कुछ दिन बाद ही मुंबई में एक परफॉर्मेंस थी, जिसकी सब तैयारियां हो चुकी थीं। 13 सितंबर 1932 को पुणे में जन्मीं प्रभा अत्रे की बचपन से ही क्लासिकल म्यूजिक में दिलचस्पी थी।
प्रभा अत्रे किराना घराने से ताल्लुक रखती थीं। वह गजल, गीत, दादरा और ठुमरी से लेकर नाट्य संगीत और भजन में पारंगत थीं। प्रभा ने कथक में भी ट्रेनिंग ली थी। उन्होंने सुरेशबाबू माने और हीराबाई बड़ोदकर से क्लासिकल म्यूजिक की शिक्षा ली थी।
प्रभा अत्रे को 1990 में पद्मश्री और 2002 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। 2022 में उन्हें पद्मविभूषणा से भी सम्मानित किया गया था। प्रभा अत्रे एक राइटर भी रहीं। उन्होंने सिंगल स्टेज में 11 किताबें रिलीज कीं, जोकि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है।