इस किताब में नीरव मोदी के अर्श से लेकर फर्श तक पहुंचने के सफर के बारे में बताया गया है। किताब भारत में सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक के पीछे के व्यक्ति के व्यक्तित्व को उजागर करती है, जिसमें पीएनबी खाताधारकों को छोड़कर लगभग 13,500 करोड़ रुपए के अवैध लेनदेन की राशि थी।