नई दिल्ली। सरकार ने कृषि क्षेत्र की विकास दर 4 प्रतिशत से अधिक करने के उद्देश्य से कृषि ऋण 10 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर निर्धारित करने, सिंचाई के लिए 40 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था करने तथा किसानों की आय बढाने के लिए 8,000 करोड़ रुपए की संचित निधि से दूध प्रसंस्करण एवं आधारभूत संरचना निधि की स्थापना करने की बुधवार को घोषणा की।
जेटली ने कहा कि लगभग 40 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान सहकारी ढांचे से ऋण प्राप्त करते हैं। सरकार जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों की कोर बैंकिंग प्रणाली के साथ सभी 63,000 क्रियाशील प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए नाबार्ड की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्य 1900 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से राज्य सरकारों की वित्तीय भागीदारी के साथ 3 वर्ष में पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड में एक दीर्घकालीन सिंचाई कोष स्थापित किया जा चुका है और प्रधानमंत्री ने इसकी स्थाई निधि में 20,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि देने की घोषणा की है। पहले इस कोष में कुल 20 000 करोड़ रुपए था, जो अब बढकर 40,000 करोड़ रुपए हो गया। (वार्ता)