रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस को जिस गठबंधन के फार्मूले की तलाश थी, वह पूरी होती दिखाई दे रही है। दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान पार्टी के नेताओं की बैठक में गठबंधन को लेकर चर्चा भी हुई।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक राहुल ने गठबंधन के लिए पार्टी की प्रदेश इकाई को पूरी जिम्मेदारी सौंप दी, वहीं गठबंधन को लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि गठबंधन को लेकर सहमति बन चुकी है और प्रदेश में बसपा के साथ व्यवहारिक गठबंधन होगा। पार्टी बसपा के साथ प्रदेश में सीट शेयर के फार्मूले पर सहमति बना रही है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में बसपा सात सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही है, लेकिन कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व 4 से 5 सीटें देना चाह रहा है। अगर मौजूदा विधानसभा की बात करें तो अभी सदन में बसपा का एक विधायक है, वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इसमें पार्टी ने एक सीट पर जीत हासिल की थी, वहीं पूरे राज्य में करीब दस सीटें ऐसी हैं, जहां बसपा मजबूत स्थिति में है।
प्रदेश की 6 सीटें ऐसी हैं, जहां बीएसपी के उम्मीदवार कभी न कभी जीत चुके हैं। अगर वोट शेयर की बात करें तो पार्टी को 2013 के चुनाव में 4.27 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि चुनाव में सत्ता हासिल करने वाली बीजेपी और कांग्रेस में जीत का अंतर एक फीसदी से कम था। चुनाव में बीजेपी को कुल 53.4 लाख वोट मिले थे जबकि कांग्रेस को 52.44 लाख मिले थे।
अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी तो 53.44 फीसदी वोट और कांग्रेस को 52.44 फीसदी वोट मिले थे। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर पिछले चुनाव में बसपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ते तो नतीजे कुछ और होते। वोटों के इसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस, बसपा के साथ गठबंधन करने जा रही है।