Life in the times of corona: जर्मनी के ये ‘डॉक्‍टर’ बगैर कपड़ों में क्‍यों खिंचवा रहे फोटो?

नवीन रांगियाल
दुनि‍याभर में डॉक्‍टर्स कोरोना में फ्रंटलाइन में खड़े होकर लोगों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में कई डॉक्‍टर्सख्‍ नर्स और अन्‍य मेड‍िकल स्‍टाफ की इस संक्रमण से मौतें भी हो रही हैं।

कई देशों में तो डॉक्‍टरों के पास इलाज के साथ ही अपने बचाव के ल‍िए जरुरी उपकरण और संसाधन ही नहीं है। फ‍िर भी वे लोगों का इलाज कर रहे हैं। इन्‍हें कोरोना वॉर‍ियर्स कहा जा रहा है।

लेक‍िन अमेरिका, यूरोप और भारत समेत कई ऐसे देश हैं, जहां डॉक्टरों के पास पीपीई यानी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट किट तक नहीं है। पीपीई की लगातार कमी हो रही है। ऐसे में जर्मनी के डॉक्टर्स ने एक नए तरीके से इसका वि‍रोध जताया है।

जर्मनी में कोरोना का इलाज करने वाले डॉक्‍टरों ने न‍िवस्‍त्र होकर फोटो शूट करवाए हैं। बिल्‍ड (Bild) ने इस फोटोशूट को अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया। डॉक्‍टरों ने इस प्रोटेस्ट का नाम Blanke Bedenken रखा है। प्रोटेस्ट के अपने इस तरीके से डॉक्‍टर दुनिया को यह बताना चाहते हैं कि सुरक्षा कपड़ों (पीपीई) के बिना वो कैसे क‍िसी का इलाज और उसकी जान की सुरक्षा कर रहे हैं।

इस अभि‍यान में शाम‍िल डॉ रूबेन इस बारे में कहती हैं क‍ि ‘नग्नता इस बात का प्रतीक है कि हम सुरक्षा के बिना कमजोर हैं और हम अभी भी अपनी टीम के साथ इस अभाव में काम कर रहे हैं, जो क‍ि हमारे ल‍िए खतरनाक साब‍ित हो सकता है।

एक डॉक्टर ने सिर्फ स्टेथोस्कोप पहना है। इसके अलावा उन्‍होंने कुछ भी नहीं पहना है, उन्‍होंने यह तस्वीरें अपने अस्पताल में ही खिंचवाई हैं।

उल्‍लेखनीय है क‍ि भारत समेत कई देशों में इस कि‍ट की कमी है। जर्मनी में तो मामले लगातार सामने आ रहे हैं। वहां पीपीई का अभाव बढ़ता जा रहा है। आलम यह है क‍ि यहां मेड‍िकल टीम को गल्व्स, मास्क, चश्मा जैसे संसाधनों के ल‍िए भी मांग करनी पड़ रही है। वहां कुछ अस्‍पतालों में पीपीई क‍िट की चोरी की खबरें भी सामने आ रही हैं। (सभी फोटो फेसबुक पेज से)

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