24 घंटे में मिले कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट, शिवराज की अफसरों को दो टूक

विकास सिंह
शनिवार, 17 अप्रैल 2021 (22:46 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के लगातार बढ़ते‌ मामलों के बीच कोरोना टेस्ट रिपोर्ट में मिलने पर देरी होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। शनिवार को कोरोना समीक्षा बैठक में
 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को निर्देश ‌देते हुए कहा है कि कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए और उसकी रिपोर्ट 24 घंटे में आना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने शासकीय एवं निजी लेब में कोरोना टेस्ट क्षमता बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि कलेक्शन सेंटर पर इस प्रकार की व्यवस्था की जाए कि किसी भी व्यक्ति को कोरोना टेस्ट करवाने के लिए लाइन में न लगना पड़े।
ALSO READ: मध्यप्रदेश में यूजी-पीजी के फाइनल ईयर के एग्जाम अब ओपनबुक प्रणाली से,घर बैठे ही परीक्षा दे सकेंगे स्टूडेंट
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि निजी लैब,अस्पतालों द्वारा निर्धारित दर पर ही कोरोना टेस्ट,सीटी स्केन तथा कोरोना का उपचार किया जाए। अस्पताल टेस्ट एवं इलाज की दरें बाहर प्रदर्शित करें। जो अस्पताल निर्धारित दरों से अधिक शुल्क लें, उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए।
 
चार हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था :  बैठक‌ में बताया गया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में चार हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था की जा रही है। दो हजार कंसंट्रेटर पहले दिए जा चुके हैं तथा 150 कंसंट्रेटर और आ गए हैं।

इसी प्रकार सभी जिलों में कुल 58 ऑक्सीजन संयंत्र चालू किए जाने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। इनमें से 21 लग गए हैं तथा 13 शीघ्र चालू होंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति निरंतर बढ़ती जा रही है तथा उपयोग के हिसाब से ऑक्सीजन मिल रही है। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्राप्त ऑक्सीजन सभी जिलों को समय पर उपलब्ध हो जाए।
 
मध्यप्रदेश में शनिवार को कोरोना के 11 हजार 269 नए केस मिले इसके साथ प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 63 हजार 889 पहुंच गई। प्रदेश में एक्टिव केसों में से 68 प्रतिशत होम आयसोलेशन तथा 32 प्रतिशत अस्पतालों में हैं।
ALSO READ: दिल्ली में 24000 के करीब नए केस, CM केजरीवाल ने कहा- Corona की यह लहर पिछली के मुकाबले 3 गुना ज्यादा खतरनाक
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम आयसोलेशन व्यवस्था को इतना सुदृढ़ बनाया जाए कि मरीजों को अस्पताल जाने की जरूरत ही न पड़े। होम आयसोलेशन में दवाओं की किट, टेलीमेडिसिन के साथ ही निरंतर निगरानी हो। दिन में दो बार मरीज से बात की जाए। होम आयसोलेशन में रह रहे मरीजों को शहरी क्षेत्र में नगरीय निकाय एवं ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतों के माध्यम से नि:शुल्क दवाओं की किट वितरित की जाएगी। वर्तमान में प्रदेश में 44 हजार 999 मरीज होम आयसोलेशन में हैं।

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख