पुणे। जानलेवा कोरोना वायरस के पूरे महाराष्ट्र में 32 मामले सामने आए हैं। रविवार को पुणे में 16 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से इंदौरियों की रात की नींद उड़ गई है क्योंकि शहर के हजारों की संख्या में बच्चे पुणे की आईटी कंपनियों में जॉब कर रहे हैं। कोरोना वायरस के कारण यहां सुरक्षा के लिए मास्क तो मिल ही नहीं रहे हैं, अलबत्ता सेनेटाइजर भी मार्केट में उपलब्ध नहीं है।
इंदौर के बच्चे अपना ग्रेज्युएशन पूरा करने के बाद या तो पुणे उड़ते हैं या बेंगलुरु का रुख करते हैं क्योंकि ये दोनों आईटी हब हैं। इसके अलावा जिन बच्चों को इन दोनों जगह जॉब नहीं मिलता, वे हैदराबाद पर नजरें गड़ाए रहते हैं। इंदौरियों की पहली पसंद पुणे इसलिए भी है क्योंकि वहां की संस्कृति, खानपान और मौसम इंदौर जैसा ही रहता है। पुणे की बहुअंतरराष्ट्रीय कंपनियों में इंदौर के हजारों युवक-युवतियां कार्यरत हैं।
इंदौर के बच्चों को पुणे इसलिए भी रास आता है क्योंकि कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है। रातभर की यात्रा में इंदौर पहुंचा जा सकता है और इसी तरह पुणे पहुंचना भी मुश्किल नहीं होता। कोरोना वायरस के पुणे में 16 पॉजिटिव मरीजों ने इंदौर में बैठे उनके परिजनों की चिंता कई गुना बढ़ा दी है। यह भी पता चला है कि कई कंपनियों ने ऐहतियात के तौर पर कर्मचारियों से घर से ही काम करने की छूट दे दी है।
नासिक में एक और संदिग्ध मरीज अस्पताल में भर्ती : कोरोना वायरस से संक्रमण के एक और संदिग्ध मरीज को रविवार को नासिक सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि 30 वर्षीय युवक जिले के कलवान तालुका का रहने वाला है और 5 मार्च को दुबई गई था। वह 7 मार्च को स्वदेश लौटा था।
इस युवक को गले में दर्द की शिकायत होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके साथ ही नासिक के अस्पताल में बनाए गए पृथक वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है, जिनका इलाज चल रहा है।
शनिवार को 2 मरीजों को भर्ती कराया गया था। पहले मरीज की उम्र 41 साल है और वह 8 मार्च को बांग्लादेश गया था और 13 मार्च को भारत लौटा था। वहीं, दूसरे मरीज की उम्र 33 वर्ष है और 9 जनवरी को दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर गया था और 13 मार्च को ही स्वेदश लौटा था।