Compensation case on death due to coronavirus : दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महिला द्वारा दाखिल कोरोनावायरस से पति की मौत पर अनुग्रह राशि के तौर पर एक करोड़ रुपए दिलाने के अनुरोध वाली याचिका पर दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से जवाब तलब किया है।
महिला का दावा है कि उसका पति एमसीडी का कर्मचारी था और महामारी के दौरान उसकी मौत ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने की वजह से हुई थी। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली सरकार और एमसीडी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा। इसी के साथ मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी 2024 के लिए तय कर दी।
दिल्ली सरकार ने कोविड-19 महामारी के समय ड्यूटी के दौरान संक्रमण से मौत होने पर अग्रिम मोर्चे के कर्मचारियों के परिजनों को एक करोड़ रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी।
याचिकाकर्ता कुंता देवी ने याचिका में कहा कि उनके पति रमेश तत्कालीन पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्थाई कर्मचारी थे और जब उनकी मौत हुई तब वह जन स्वास्थ्य विभाग में 'फील्ड वर्कर' के तौर पर कार्यरत थे।
उन्होंने अधिवक्ता रविकांत और राम किशन के जरिए दाखिल याचिका में कहा कि उनके पति स्वच्छता कर्मी के तौर पर तैनात थे और महामारी जब चरम पर थी तब उनके पति को मच्छर रोधी कार्यों के लिए तैनात किया गया था एवं अक्टूबर 2020 को संक्रमण की वजह से गुरु तेग बहादुर अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।
याचिका में कहा गया कि कार्यालय आदेश के जरिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने 10 लाख रुपए मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को देने की घोषणा की और उक्त राशि प्राप्त हुई। उसने कहा, लेकिन दिल्ली सरकार ने भी उसके द्वारा तैनात कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान कोविड-19 से मौत होने पर एक करोड़ रुपए की अनुग्रह राशि आश्रितों को देने की घोषणा की थी, जो अब तक नहीं मिली है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour