2-डीजी दवा डीआरडीओ की प्रयोगशाला, नाभिकीय औषधि एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) ने डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज के साथ मिलकर विकसित की है। क्लिनिकल ट्रॉयल के नतीजों में देखा गया कि यह अणु अस्पताल में भर्ती मरीजों को तेजी से बीमारी से उबरने और ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने में मदद करता है। ईओआई दस्तावेज के अनुसार आवेदन ई-मेल के जरिए 17 जून से पहले भेजे जाने चाहिए।
इसमें कहा गया है कि उद्योगों द्वारा दी जाने वाली ईओआई की एक तकनीकी आकलन समिति (टीएसी) जांच करेगी। केवल 15 उद्योगों को ही उनकी क्षमताओं और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर टीओटी दिया जाएगा। बोली लगाने वाली कंपनियों के पास ड्रग लाइसेंसिंग एथॉरिटीज से एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट (एपीआई) से दवा बनाने का लाइसेंस होना चाहिए। (भाषा)