इंदौर में गमछे पर बवाल, बदला आदेश, CHMO को भी हटाया

Webdunia
शनिवार, 30 मई 2020 (12:40 IST)
इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी में कोरोना का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कलेक्टर मनीष सिंह ने जिले में मास्क नहीं पहनने वालों पर शिकंजा कसते हुए 100 रुपए जुमाने का प्रावधान किया। इतना ही नहीं संबंधित संस्थान प्रभारी पर 1 हजार से 10 हजार तक का फाइन होगा। सार्वजनिक स्थल पर थूकने पर 200 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस बीच डॉ. प्रवीण जड़िया के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए डॉ. एमपी शर्मा को इंदौर का सीएमएचओ बनाया गया है।
 
उन्होंने अपने आदेश में कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले संस्‍थानों पर पहली बार में 1000 का जुर्माना और फिर दूसरी बार में संस्थान सील कर दिया जाएगा।
 
इतना ही नहीं रुमाल और गमछे को भी अमान्य घोषित कर दिया गया। हालांकि बवाल मचने पर इस आदेश को वापस ले लिया गया। 
 
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संक्रमण से बचाव और मुंह ढकने के लिए गमछे-दुपट्टे के इस्तमाल की सलाह दे रहे हैं। वहीं कलेक्टर ने पहले अपने आदेश में कहा कि सिर्फ और सिर्फ सर्जिकल मास्क के उपयोग की इजाजत है।
 
क्या बोले भाजपा नेता मोघे : गमछे पर प्रतिबंध का आदेश सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। इस पर वरिष्‍ठ भाजपा नेता कृष्णमुरारी मोघे ने कहा कि एक और हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सार्वजनिक रूप से यह घोषणा कर चुके हैं कि कोरोनावायरस के संक्रमण के बचाव के लिए गमछा, रुमाल, सादे मास्क या अन्य कपड़े का उपयोग जनता कर सकती है। वहीं इंदौर कलेक्टर का यह आदेश जिसमें सर्जिकल मास्क की अनिवार्यता लागू की गई है।
 
उन्होंने कहा कि कलेक्टर मनीष सिंह का यह आदेश अव्यवहारिक एवं निंदनीय है। मोघे ने कलेक्टर से मांग की है कि इस आदेश पर गंभीरता पूर्वक पुनर्विचार करे अन्यथा इंदौर की जनता को सर्जिकल मास्क नि:शुल्क उपलब्ध कराएं।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि गमछा ज्यादातर लोगों के लिए सुलभ तथा सुविधाजनक रहता है और कोविड-19 से बचाव के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। कई लोग गर्मी के मौसम में लू से बचने के लिये पहले ही इसका उपयोग कर रहे हैं।
 
जारी किया नया आदेश : बहरहाल सांसद शंकर लालवानी ने इस मामले पर कलेक्टर से चर्चा की और कुछ ही देर में आदेश वापस ले लिया गया। फिर आदेश में संशोधन करते हुए गमछे और रुमाल को डबल लेयर में मास्क के रूप में मान्यता दे दी गई।
 

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