कोरोना काल में ढाई महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद मंदिर आज से फिर खुल गए है। मध्यप्रदेश में स्थित प्रसिद्ध मंदिरों के पट आज से श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिए गए है और कोरोना के संक्रमण को देखते हुए वहां पर कुछ प्रतिबंधों के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन का सिलसिला भी शुरु हो गया है।
उज्जैन का विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर जो कोरोना संक्रमण के चलते 21 मार्च से ही श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था आज 79 दिनों के बाद फिर भक्तों के लिए खोल दिया गया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर समिति ने बाबा महाकाल के दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की है।
दर्शन के लिए आने वाले हर श्रद्धालुओं को थर्मल स्कैनिंग के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। आम दिनों में हमेशा घंटा- घड़ियाल और बोम बम के नारों से गूंजने वाले महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम नजर आ रही है और मंदिर में लगे घंटे और घंटियां कोरोना संक्रमण के चलते हटाए जाने से एक तरह से शांति नजर आ रहा है।
महाकाल मंदिर में सुबह 8 बजे से श्रद्धालुओं के दर्शन का सिलसिला फिर से शुरु हो गया है। वेबदुनिया से बातचीत में महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनावल कहते हैं कि अभी प्री बुकिंग के जरिए ही श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल के दर्शन करने दिया जा रहा है।
बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालु टोल फ्री नंबर 18002331008 पर कॉल कर बुकिंग कर सकते है। वेबदुनिया से बातचीत में मूलचंद कहते हैं चूंकि दर्शन केवल प्री बुकिंग के जरिए ही दिया जा रहा है इसके चलते श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत कम है वहीं पहले दिन लोगों में कहीं न कहीं कोरोना संक्रमण का डर भी देखा जा रहा है।
वेबदुनिया से बातचीत में महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद बताते हैं कि शाम 6 बजे तक महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश चार स्लॉट में दिया जा जाएगा इसके लिए सुबह 8 बजे से 10 बजे तक,11 से 1.00 बजे इसके बाद दोपहर 2 से 4 बजे तक और शाम को 4.30 से 6 बजे तक का समय निर्धारित किया है। हर स्लॉट के दर्शन के बाद पूरे मंदिर को सैनिटाइज करने की व्यवस्था की गई है ।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर सकेंगे, फिलहाल दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालु नंदी हॉल के बाहर की गई बैरिकेडिंग से ही बाबा के दर्शन कर पा रहे है। इसके साथ बाबा महाकाल की होने वाली भस्मआरती में भी श्रद्धालु शामिल नहीं हो सकेंगे।
बाबा महाकाल के साथ उनके सेनापति कहे जाने वाले कालभैरव मंदिर भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। कोरोना संक्रमण को देखते हुए 21 मार्च को बाबा महाकाल के मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था।