पूरी दुनिया बंद है, लोगों को अगर इंतजार है तो सिर्फ इस बात का कि अब शायद जल्दी ही जिंदगी सामान्य हो सकेगी। लॉकडाउन खत्म होगा और हम सब पहले की तरह नॉर्मल लाइफ की तरफ लौट सकेंगे।
कोरोना वायरस का केंद्र रहे चीन के वुहान से शायद इस सवाल मिल सकता है। लंबी त्रासदी के बाद वुहान में हालात धीमे-धीमे सुधर तो रहे हैं, लेकिन जिंदगी अब उतनी नॉर्मल नहीं है।
वुहान के हालात देखकर लगता है कि पहले जैसी नॉर्मल जिंदगी का ख्वाब अभी बहुत दूर है। शायद यह कहना गलत नहीं होगा कि बाकी दुनिया में असल लड़ाई तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद शुरू हो सकती है।
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट में वुहान के बारे में चीन जो दावा की रहा है वो उतना सच नहीं है। जमीनी हालात चीन के सरकारी दावों से बिलकुल उलट हैं।
छोटे व्यापारियों की एबीसीडी
वुहान के आम लोगों समेत वहां के छोटे और बड़े बिजनेसमेन की जिंदगी अब इतनी आसान नहीं रही। बड़े व्यापारी तो धीमे धीमे अपने पैर जमा रहे हैं, लेकिन छोटे व्यापारियों के धंधे पूरी तरह से डूब चुके हैं। उन्हें फिर से एबीसीडी करना पड़ रही है। वुहान के कई बड़े बिजनेसमैन कह चुके हैं कि वे भारी संकट के दौर से गुजर रहे हैं। कंपनियों पर कर्ज बढ़ चुका है और उनका मुनाफा बेहद कम हो गया है।
यूं थमी रफ्तार शहर की
शहर की रफ्तार बिल्कुल धीमी हो गई है। कहा जा रहा है कि वुहान में करीब आधी से ज्यादा दुकानें अभी शटडाउन है। जबकि वहां के रेस्तरां भी पूरी तरह से बंद हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वहां के लोग और रेस्तरां अभी सिर्फ होम डिलिवरी पर ही निर्भर हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग की लगी आदत
कोरोना के समय लागू की गई सोशल डिस्टेंसिंग अब शायद लोगों की आदत हो गई है। लोग एक दूसरे से मिलते नहीं है,मिलते है तो कतराते हैं। सोशल गेदरिंग और सोशल लाइफ पूरी तरह से खत्म नजर आती है। लोगों को एक दूसरे का चेहरा देखे कई दिन हो गए हैं क्योंकि अब भी हर शख्स के मुंह पर मास्क नजर आता है।
फूड व्यवसाय भी धराशाही
वुहान के फिटनेस सेंटर, जिम, थिएटर भी नहीं खुले। बड़ी फूड चेन स्टारबक्स, मैकडी, बर्गर किंग, केएफसी और पिज्जा हट ने अपने स्टोर खोले हैं। लेकिन लोगों को बैठकर खाने की मनाही है। लोग या तो स्टोर के बाहर खड़े होकर ऑर्डर ले जा सकते हैं या ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं।