प्यार और पैसा। यह दोनों आदमी की जिंदगी से जुडी दो अहम चीजें हैं। इनके बिना किसी का काम नहीं चलता। लेकिन दुनिया में फैली कोरोना की महामारी ने लोगों को इन दो जरुरी चीजों से भी महरूम कर दिया है।
जी, हां लोग न तो प्यार कर पा रहे हैं और न ही पैसे को छू पा रहे हैं। दरअसल, कोरोना के संक्रमण ने इन्हें भी प्रभावित कर दिया है।
कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच क्या लोग अभी भी डेट पर जा रहे हैं, या अपने प्रिय के साथ वक्त गुजार रहे हैं? इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए OkCupid ने भारत में 15,000 यूजर्स से ये सवाल किए हैं।
सर्वे के मुताबिक करीब 74 फीसदी लोगों ने कहा कि वे डेट पर जाने के लिए तैयार होंगे। हालांकि, यह वैश्विक औसत से से काफी कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका में 92 फीसदी यूजर्स डेट पर बाहर जाने से खुश हैं। लेकिन डेट पर जाने के दौरान वे सावधानी बरतना चाहेंगे। कई लोगों ने कहा कि इस माहौल में वे डेट पर जाना टाल ही रहे हैं।
मुलाकात से ज्यादा मैसेज बना जरिया
हालांकि डेटिंग कभी भी कपल्स के लिए आसान नहीं रहा है, लेकिन कोरोना ने इसे और भी मुश्किल कर दिया है। जब कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में सोशल डिस्टेंस की सलाह दी जा रही है, वहीं कपल्स ने भी एक दूसरे से दूरी बना ली है। उनके पास अब सिर्फ बात करना ही एक ऑप्शन बचा है, वो भी व्हाट्सएप्प, हैंगआउट, फेसबुक और अन्य कम्युनिकेशन के जरिए।
डेटिंग ऐप्स के कारोबार पर असर
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो डेटिंग सर्विस देने वाली ऐप्स के कारोबार पर भी इसका असर हुआ है। इससे जुडे लोगों के मुताबिक पिछले एक हफ्ते के दौरान उनके ऐसे प्लेटफॉर्म पर लोगों के मैसेज में 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। युवा सिर्फ ऐप्स से ही सक्रिय है।
हाल ही में टिंडर की ओर से कोरोना को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। टिंडर ने यूजर्स से कहा है कि वे चाहते हैं कि उनकी 'मौज-मस्ती जारी रहे तो उन्हें हैंड सैनिटाइजर ले जाना और सामाजिक दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है।'
केश ट्रांजेक्शन से कोरोना का खौफ
इधर केश ट्रांजेक्शन को लेकर भी तमाम तरह की बातें सामने आ रही हैं। दरअसल, नोट या करंसी को कई हजार और लाख लोग छूते हैं, ऐसे में केश के जरिए भी कोरोना के संक्रमण की अशंका जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि डब्लूएचओ की तरफ से भी एडवाईजरी जारी की गई है, जिसमें केश ट्रांजेक्शन से बचने की सलाह दी गई है। एक्सपर्टस का कहना है कि इंडिया में केश ट्रांजेक्शन व्यापाक पैमाने पर होता है। ऐसे में नोट के जरिए संक्रमण हो सकता है। क्योंकि कई लोग नोट को छूते हैं और यहां तक उन्हें गिनने के लिए थूक का इस्तेमाल करते हैं।