इंदौर। कोरोना वाइरस (Corona Virus) चीन के बाद दुनिया के दूसरे देशों को भी शिकंजे में ले रहा है। मरने वालों की संख्या 4000 आंकड़े को पार कर गई है। इससे न सिर्फ दुनिया बल्कि भारत में भी लोग दहशत में हैं। इसके साथ ही आम लोगों में यह सवाल भी तेजी से उठ रहा है कि क्या कोरोना से जुड़ी बीमारी मेडिक्लेम में कवर है?
इस सिलसिले में जब वेबदुनिया टीम ने अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के डेपलपमेंट अधिकारियों और बीमा सलाहकारों से बात की तो मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कुछ का इस संबंध में मानना है कि आईआरडीए के निर्देशों के मुताबिक इस बीमारी को मेडिक्लेम में कवर होना चाहिए।
इस संबंध में ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी के डेपलपमेंट ऑफिसर सुरेश उइके ने बताया कि अचानक होने वाली अन्य बीमारियों की तरह कोरोना वायरस से जुड़ी बीमारी भी मेडिक्लेम पॉलिसी में कवर है। सरकार के भी इस संबंध में स्पष्ट निर्देश हैं। अत: किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। WHO द्वारा महामारी घोषित करने से इस पर कोई असर नहीं होगा। हालांकि भविष्य में इससे जुड़ा कोई निर्देश सरकार की ओर से प्राप्त होता है तो बीमा कंपनियां उसी के अनुरूप फैसला लेंगी।
वहीं वित्त विशेषज्ञ नीतेश पांडे ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके मेडिक्लेम की टर्म्स और कंडीशन क्या हैं। वैसे भारत के संदर्भ में बात की जाए तो अधिकांश बीमा कंपनियां इस बीमारी को कवर कर रही हैं।
बीमा विशेषज्ञ रवीन्द्र आर्य ने बताया कि हर कंपनी की अपनी पॉलिसी होती है। मणिपाल सिग्ना जैसी कुछ कंपनियां पहले ही इस बीमारी को हॉस्पिटलाइजेशन की स्थिति में कवर करने की घोषणा कर चुकी हैं। इसमें एंबुलैंस, अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चे भी शामिल हैं।
इसी तरह बीमा सलाहकार मनीष गुप्ता ने बताया कि जिस तरह स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां कवर होती हैं, उसी तरह कोरोना भी कवर होना चाहिए। हालांकि कंपनियों को आईआरडीए से जो भी निर्देश प्राप्त होंगे, वे उसी के अनुरूप निर्णय करेंगी।