देश आज 74 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर हर देशवासी नए भारत के निर्माण का संकल्प ले रहा है, लोग एकजुट होकर कोरोना से लड़ने के लिए संकल्पित नजर आ रहे है। मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए आज से सहयोग से सुरक्षा अभियान की भी शुरुआत की है। अभियान में लोगों को कोरोना से बचने के सुरक्षा उपायों के साथ गलत और भ्रामक जानकारियों से बचने के उपायों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
'वेबदुनिया'से बातचीत में मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि कोरोनाकाल में गलत और भ्रामक जानकारी का सबसे बुरा असर लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा है,लगातार ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है जो कोरोना के एक अनजाने डर के चलते मानसिक अवसाद (डिप्रेशन) में पहुंच गए है।
बातचीत में डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि पिछले दो महीने में उनके पास 200 से अधिक ऐसे केस सामने आए है,जिनमें कोरोना वायरस के संक्रमण के केवल डर से एक अलग तरह की एंजाइटी देखने को मिली है। भोपाल के रहने कमलेश (बदला हुआ नाम) जिन्होंने कोरोना संक्रमण के डर से अपने को घर में एक तरह से कैद कर लिया,घर से नहीं निकलने और लगातार इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए गलत और भ्रामक जानकारी लेते रहने से धीरे-धीरे वह डिप्रेशन में चले गए और उनको अपने हाथों और पैरों में कंपकंपी का एहसास होने लगा जिसके बाद उन्होंने अपना कोविड टेस्ट कराया, रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी वह फिजिशियन और ईनटी डॉक्टर के पास इलाज के लिए पहुंचे जहां वह चेकअप में पूरी तरह स्वस्थ पाए गए।
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि आज लोगों में सहीं और तथ्यात्मक जानकारी के अभाव में कोरोना को लेकर एक नकारात्मकता फैल रही है। देश में कोरोना संक्रमण शुरु होने के साथ ही सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे मैसेज वायरल हो रहे है जो लोगों को एक तरह से मानसिक गुलामी का शिकार बना रहे है,आज जरूरत इस बात की है कि लोग कोरोना को लेकर जागरूक तो हो लेकिन इस बात का ध्यान दें कि वह जो जानकारी ले रहे है वह कितनी विश्वसनीय और तथ्यपरक है।
आज जब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेशनल डिजिटिल हेल्थ योजना की शुरुआत हो रही है तब आवश्यकता इस बात की है कि हम कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की सभी गाइडलान का पालन करें और महामारी से से जुड़ी गलत और भ्रामक जानकारी से बचते हुए कोरोना के डर की मानसिक गुलामी से आजाद हो।