भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने 28 दिसंबर को वयस्कों में आपात स्थिति में कोर्बेवैक्स के सीमित इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी, जो कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ स्वदेशी रूप से विकसित देश का पहला आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट टीका है।
उन्होंने कहा, अनापत्ति प्रमाण पत्र के आधार पर बायोलॉजिकल-ई ने अक्टूबर 2021 में क्लीनिकल परीक्षण शुरू किया और दूसरे/तीसरे चरण के उपलब्ध सुरक्षा और प्रतिरोधक क्षमता संबंधी परिणामों को आंका, जिससे संकेत मिलता है कि टीका सुरक्षित और प्रभावी है।
कोसाराजू ने कहा, प्रस्तावित आवेदन भारत में मौजूदा महामारी और कोविड-19 टीके की व्यापक जरूरत को देखते हुए 12 से 18 वर्ष साल के किशोरों में आपात स्थिति में कोर्बेवैक्स के सीमित इस्तेमाल की अनुमति प्राप्त करने के लिए दूसरे/तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के अंतरिम परिणामों पर आधारित है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बायोलॉजिकल-ई ने भारत में पहले/दूसरे और दूसरे/तीसरे दौर का क्लीनिकल परीक्षण किया है। मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा कंपनी ने कोविशील्ड के मुकाबले इसकी श्रेष्ठता का मूल्यांकन करने के लिए तीसरे चरण का सक्रिय तुलनीय क्लीनिकल परीक्षण भी किया है।(भाषा)