भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना की बेकाबू रफ्तार के बीच सरकार अब भी पाबंदियों के मूड में नहीं दिखाई दे रही है। आज कोरोना समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बच्चों के कोरोना संक्रमित होने का मुद्दा उठाते हुए पहलीं से आठवीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन करने की बात कहीं, जिसको खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खारिज करते हुए कहा कि केस बढ़ रहे है लेकिन हालात चिंताजनक नहीं है, इसलिए दो-तीन दिन बाद स्थिति की फिर समीक्षा कर फैसला करेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के जो आंकड़ें और संक्रमितों की स्थिति के बारे में जो रिपोर्ट आ रही है उससे ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है और न ही अभी कोई सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
इंदौर और भोपाल बने कोरोना के हॉटस्पॉट- प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2 हजार 317 नए केस आए हैं, इसके साथ कुल एक्टिव केसों की संख्या 8 हजार 668 तक पहुंच गई। वहीं प्रदेश में कोरोना की संक्रमण दर 3.4 फीसदी और रिकवरी रेट 97.37 फीसदी है। वहीं अगर जिलों की बात करें तो इंदौर में 650, भोपाल में 489, ग्वालियर में 91 केस आए है। वहीं महाकाल की नगर उज्जैन में भी कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है।
ओमिक्रॉन ने पाबंदियों से बचाया-कोरोना के लगातार नए केस आने के बाद भी सरकार का पाबंदियों को नहीं लगाने की वजह अधिकांश केस ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमितों का है। प्रदेश में कोरोना के कुल 8 हजार से अधिक एक्टिव केसों में से अधिकांश कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित है जिसके चलते अधिकांश संक्रमित होम आइसोलेशन में सहीं हो रहे है।
कोरोना के नए संक्रमित में मात्र 6 फीसदी लोगों को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ रही है। वहीं मात्र फीसदी लोगों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है, यह ऐसे लोग है जो पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रह है। अगर आंकड़ों की बात करें तो इंदौर में कोविड केयर सेंटर में 92, भोपाल में 8, ग्वालियर में 6, जबलपुर में 7 मरीज कोविड केयर सेंटर में भर्ती है।
कोरोना समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देश
- कोविड केयर सेंटर सक्रिय रहे ।
- होम आइसोलेशन में जो हैं, उनसे रोज दो बार बात की जाये।
- स्वास्थ्य सिस्टम पूरी तरह एक्टिव हो जाये।
- अभी स्थिति चिन्ताजनक नही है, लेकिन केस बढ़ रहे है।
-16 तारीख को 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों का 100% वैक्सिनेशन हो जाये।
-ठीक से टेस्ट होने चाहिए, आंकड़े ठीक ढंग से उसी दिन के आये , ताकि स्थिति का आंकलन वास्तविक ढंग से किया जा सके।
-मास्क को लेकर कड़ाई से पालन हो, अनावश्यक प्रतिबंध न लगाएं, जब जरूरत पड़ेगी तो तुरन्त कदम उठाएंगे।