दुनिया के बेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज में अपना नाम शुमार कर चुके महेंद्र सिंह धोनी विश्वकप 2019 खत्म होने के बाद संन्यास ले सकते हैं। इतिहास गवाह है कि बड़े-बड़े नामों ने विश्वकप खत्म होते साथ ही अपने संन्यास की घोषणा की है। फिर चाहे अनिल कुंबले हो या ग्लेन मैक्ग्राथ, शॉन पोलोक हो या ब्रेंडन मैक्कुलम।
पाने को कुछ नहीं : यह इसलिए भी और मुनासिब हो जाता है क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी के पास अब और कुछ पाने के लिए नहीं बचा है। वह कप्तान के तौर पर टीम को 1 विश्वकप, 1 चैंपियन्स ट्रॉफी और एक टी-20 विश्वकप जिता चुके हैं। वहीं टेस्ट टीम उनकी कप्तानी में नंबर 1 बनी।
अच्छे फॉर्म में संन्यास बेहतर : यह सच है कि जैसे-जैसे उम्र बीत रही है धोनी का बल्ला उतना ही ज्यादा बोल रहा है। 2018 में इंग्लैंड दौरे में उन्होंने जरूर धीमी गति से रन बनाए थे लेकिन आईपीएल 2019 में उनके बल्ले ने रफ्तार पकड़ी और वे अपनी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को फाइनल के दरवाजे तक ले गए। 2019 के विश्व कप में भी सबसे अनुभवी खिलाड़ी धोनी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।
टी-20 विश्वकप के बाद संन्यास : वैसे हो सकता है वह अगले साल होने वाले टी-20 विश्वकप के बाद संन्यास लेना चाहें, क्योंकि टी-20 फॉर्मेट ही है जिसने माही को पहचान दिलाई है। उन्होंने पहले टी-20 विश्वकप जीता फिर वह वनडे के भी कप्तान बने। पर वह तब होगा, जब बोर्ड उन्हें टी-20 विश्वकप की टीम में जगह दे।
ऋषभ पंत है परफेक्ट रिप्लेसमेंट : विश्वकप खत्म होने के बाद बोर्ड भी अब भविष्य को देखने में ज्यादा दिलचस्पी रखेगा। ऋषभ पंत लगातार चयन के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। वह तेजी से रन बनाने में माहिर हैं। कीपिंग हालांकि धोनी से कमतर है पर कभी न कभी तो उनको भी विकेट के पीछे कमान संभालनी होगी जिससे 2024 के विश्वकप में भारत को एक अनुभवी विकेटकीपर मिल सके।