Diwai 2024 : दिवाली के बाद मनाया जाने वाला भाई दूज का त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते के प्रेम का प्रतीक है। दीपावली के दो दिन बाद मनाए जाने वाले इस पर्व पर बहनें अपने भाइयों के तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस दिन बहनों द्वारा किए गए तिलक में सही दिशा और सही विधि का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
भाईकामुंहकिसदिशामेंहोनाचाहिए?
तिलक करते समय भाई का मुंह पूर्व दिशा में होना चाहिए। मान्यता है कि इस दिशा में मुंह रखने से भाइयों को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और उनके जीवन में सफलता और समृद्धि आती है। पूर्व दिशा को शुभ माना जाता है और इसके प्रभाव से भाई की उन्नति और सुरक्षा बनी रहती है।
इस विधि से करें भाईदूजपरतिलक
भाई दूज पर तिलक की प्रक्रिया को शुभ और पवित्र माना गया है। आइए जानते हैं इसके सही तरीकों के बारे में:
सामग्रीतैयारकरें: तिलक के लिए चावल, रोली, और मिठाई की व्यवस्था करें। यह सभी चीजें शुभ मानी जाती हैं और बहनों की दुआओं के साथ भाई का आशीर्वाद बढ़ाती हैं।
दीपकजलाएं: एक दीपक जलाएं और इसे भाई के सामने रखें। इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और यह शुभता का प्रतीक है।
तिलककरें: भाई के माथे पर रोली और चावल से तिलक लगाएं और लंबी उम्र की कामना करें।
तिलककेसमयबहनेंइनबातोंकाध्यानरखें सकारात्मकसोच: तिलक करते समय मन में शुभ विचार रखें। बहन की सकारात्मक सोच और प्रार्थना का असर भाई पर पड़ता है।
पूजाकासहीसमय: भद्रा काल में तिलक करने से बचें। यह अशुभ माना जाता है। सही समय का चयन करने के लिए पंचांग का ध्यान रखें।
सहीआसनकाप्रयोग: भाई और बहन दोनों को शुभ और साफ आसन पर बैठना चाहिए। यह शुभता और साफ ऊर्जा का प्रतीक होता है।
भाई दूज भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम और स्नेह की डोर को और मजबूत करता है। इस पर्व पर बहनें भाई के सुख और लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई उन्हें सुरक्षा का वचन देते हैं। यह पर्व हमारे भारतीय संस्कृति और परंपराओं का हिस्सा है, जो प्रेम, स्नेह और परिवार के महत्व को दर्शाता है।
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