कैसे ईंट भट्‌टा मजदूर से संदेशखाली का खलनायक बन गया शाहजहां शेख, ये है पूरी कुंडली

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024 (14:10 IST)
How Shahjahan Sheikh became a big fish in Sandeshkhali : जमीन हड़पने से लेकर महिलाओं को टीएमसी कार्यालय में बुलाकर यौन उत्‍पीड़न करने तक और राशन योजना में घोटाला करने से लेकर ईडी की टीम पर हमला करवाने तक ऐसा कोई काम नहीं है, जो शाहजहां शेख ने न किया हो। पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में आए पश्‍चिम बंगाल के संदेशखाली में शाहजहां कुछ लोगों के लिए मसीहा माना जाता है तो कुछ लोगों के लिए खलनायक। कहा जाता है उसके बगैर संदेशखाली में पत्‍ता भी नहीं हिलता है। जो आरोप उस पर लगे हैं उस आधार पर शाहजहां शेख संदेशखाली का सबसे बड़ा गुनहगार है। अभी वो पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। कभी मछली पालने और ईंट के भट्टों में काम करने वाला शाहजहां शेख कैसे पश्‍चिम बंगाल की राजनीति और ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में एक ताकतवर गुंडा बन गया। जानते हैं शाहबाज शेख की पूरी कुंडली।

क्‍यों नहीं पकड़ पाई पुलिस : संदेशखाली हिंसा और वहां पर महिलाओं के यौन शोषण के मामले ने पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्‍ली तक राजनीतिक हवा गर्म कर दी है। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा है, संदेश्खाली की हजारों महिलाएं शाहजहां शेख के खिलाफ सडकों पर उतर आई हैं। लेकिन इस सब के बीच इन घटनाओं के खलनायक शाहजहां शेख तक पुलिस अब तक अपनी गिरफ्त नहीं बना पाई है। दरअसल, कहा जाता है कि टीएमसी से लेकर स्‍थानीय पुलिस तक का शेख के ऊपर हाथ है, इसलिए वो अब तक गिरफ्त में नहीं आ सका है।

गुर्गों के दम पर साम्राज्य : बता दें कि ईडी की तरफ से 3 बार समन जारी किए जाने के बाद भी शाहजहां शेख पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। उत्तरी 24 परगना के संदेशखाली ब्लॉक में टीएमसी के इस नेता के ऊपर ईडी पर हमले, महिलाओं के यौन उत्पीड़न और राशन घोटाले में शामिल होने के संगीन आरोप हैं। शाहजहां शेख सुंदर महिलाओं की सुंदरता को देखकर उनका उत्पीड़न करता था। उसने गुर्गों के दम पर अपना साम्राज्य कायम कर रखा था।

ईंट के भट्टे से राजनीति तक : शाहजहां शेख किसी जमाने में मछली पालन और ईंट के भट्टों में काम करता था। इसी से उसकी रोजीरोटी चलती थी। लेकिन राजनीति में आने के बाद रसूखदार बन बैठा। 42 साल का शाहजहां शेख राज्य में टीएमसी की सरकार आने से पहले तक सीपीएम के साथ था।

ऐसे बनाई अपनी पकड़ : अपने परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे बड़े शाहजहां शेख ने मजदूरी करते हुए एक यूनियन नेता के तौर पर राजनीति में कदम रखा। 2004 में वह सीपीआई (एम) से जुड़ा। इसमें उनकी मदद उसके मामा मोस्लेम शेख ने की। जो उस वक्त पर सीपीएम के नेता और पंचायत प्रमुख थे। वह छह सालों तक अपने मामा के शार्गिदी में आगे बढ़ा। 2010 में जब राज्य में टीएमसी का दबदबा बढा तो शाहजहां शेख टीएमसी नेताओं से नजदीकी बढ़ाकर पार्टी में आ गया। शाहजहां शेख ने शुरुआत में TMC राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रियो मलिक के नेतृत्व में काम किया। जब ज्योतिप्रियो मलिक को मंत्री बनाया गया, तो शाहजहां शेख की ताकत और बढ़ गई

बन गया संदेशखाली का खलनायक : आज शाहजहां संदेशखाली का सबसे बडा खलनायक बन गया है। दरअसल, टीएमसी में रहते हुए उसने अपनी ताकत में इजाफा किया। धीरे-धीरे संपत्ति बनाई और खुद को इलाके का एक रॉबिनहुड बना लिया। लोग उसकी ताकत से डरने लगे, क्‍योंकि उसके ऊपर स्‍थानीय नेताओं का हाथ था। इसी वजह से साल 2011 से 2024 तक कई महिलाएं शाहजहां शेख के आतंक को बर्दाश्‍त करती  रहीं। हालांकि 5 जनवरी को जब ईडी ने शाहजहां शेख के खिलाफ कार्रवाई की तो वहां की महिलाओं को उसके खिलाफ आने की हिम्‍मत मिली।

कितनी संपत्‍ति है शेख के पास
17 कारों का है मालिक : एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार कभी एक मजदूर और मछुआरा रहा शाहजहां शेख अब बड़ी संपत्ति का मालिक है। उसके पास 17 कारें हैं। इसके अलावा उसके पास 43 बीघा जमीन और दो करोड़ रुपए से अधिक के गहने हैं। उसके बैंक खातों में करीब 2 करोड़ रुपए भी जमा हैं। एनडीटीवी के मुताबिक यह सब ब्योरा शाहजहां शेख ने पंचायत चुनावों में उपलब्ध कराया था। शेख ने अपनी वार्षिक आमदनी 20 लाख रुपए बताई। संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हमले के मास्टरमाइंड शाहजहां शेख के बांग्लादेश में छिपे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है।
Written By Navin Rangiyal

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