उन्होंने ट्वीट किया कि उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में रविवार को हुई किसानों की महापंचायत में हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक सौहार्द के लिए भी प्रयास अतिसराहनीय। इससे निश्चय ही सन् 2013 में सपा सरकार में हुए भीषण दंगों के गहरे जख्मों को भरने में थोड़ी मदद मिलेगी किंतु यह बहुतों को असहज भी करेगी। बसपा नेता ने कहा कि किसान देश की शान हैं तथा हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा के लिए मंच से सांप्रदायिक सौहार्द के लिए लगाए गए नारों से भाजपा की नफरत से बोई हुई उनकी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई दिखने लगी है तथा मुजफ्फरनगर ने कांग्रेस व सपा के दंगायुक्त शासन की भी याद लोगों के मन में ताजा कर दी है।
मुजफ्फरनगर जिले में हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के बीच संघर्ष अगस्त-सितंबर 2013 में हुआ था। इसके परिणामस्वरूप हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों के कम से कम 62 लोगो की मौतें हुई थीं। गौरतलब हैं कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 9 माह से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत का आयोजन किया था जिसमें 27 सितंबर को 'भारत बंद' का ऐलान किया गया है।(भाषा)