फुटबॉल विश्वकप का खुमार छाने लगा है। भारतीय फैंस अब अपनी अपनी टीम का समर्थन करने में जुट गए हैं। कोई ब्राजील के लिए चियर कर रहा है तो कोई अर्जेंटीना के लिए। किसी को जर्मनी भा रही है तो कोई पुर्तगाल का दीवाना है। यह इस कारण है क्योंकि भारतीय टीम फीफा विश्वकप का हिस्सा कभी होती ही नहीं है।
भारतीय फुटबॉल कप्तान सुनील छेत्री की अपील के कारण पिछले महीने जरूर भारतीय फुटबॉल टीम को दर्शक मिले पर भारतीय फुटबॉल की स्थिती बहुत ज्यादा सुधर पाएगी ऐसा मुशकिल ही लगता है। एक आंकड़ा तो यह तक बताता है कि भारत फुटबॉल में सीरिया से भी पीछे है।
फीफा रैंकिंग पर नजर डालें तो भारत सीरिया से मामूली नहीं 24 स्थान पीछे खड़ा है। फीफा रैंकिंग में सीरिया की हालिया रैंक 73 है, जबकि भारत की रैंक 97 है। गौरतलब है कि सीरिया वह देश है जो आंतरिक युद्ध से तो जूझ ही रहा है साथ ही रूस और अन्य देशों के हवाई हमले भी झेल रहा है। कारण यह है कि अरब देशों में फुटबॉल कल्चर है जो गृह युद्ध छिड़ने से पहले सीरिया में भी मौजूद था।
सीरिया की तुलना में भारत कहीं ज्यादा संपन्न देश प्रतीत होता है। लेकिन प्रतिभाशाली फुटबॉल खिलाड़ियों की उपस्थिती में भी भारतीय फुटबॉल के प्रति रवैया उदासीन है। यही नहीं भारत युगांडा, घाना और नाइजीरिया जैसे देशों से भी काफी पीछे हैं जिनका भूभाग भारत के किसी राज्य से भी छोटा है और आर्थिक स्थिती भी दयनीय है।