FIFA WC 2018 : ब्राजील में फुटबॉल जूनून नहीं, ज़िन्दगी से भी बढ़कर है

Webdunia
शुक्रवार, 8 जून 2018 (01:20 IST)
-पुणे से स्पोर्ट्स एक्सपर्ट अभिजीत देशमुख 
 
विश्व कप के मेजबानी लगभग सभी महाद्वीप कर चुके लेकिन यूरोपीय और दक्षिण अमेरिकी टीमें ही इसे जीतने में कामयाब रही है। चार साल में होने वाले इस प्रतियोगिता का आयोजन इस बार रूस कर रहा है और कौन बनेगा विश्व विजेता, इसी सोच में पूरा विश्व डूबा हुआ है? क्या इस बार कोई नया चैंपियन देखने को मिलेगा? 32 देश इस प्रतियोगिता जीतने का सपना लेकर रूस में दाखिल हो रहे हैं लेकिन, केवल 5-6 ही ऐसे देश हैं जो इसे जीतने का हुनर रखते हैं। 
 
4 जून 2018 को सभी 32 देशों ने अपने 23 सदस्यीय टीम की घोषणा की और उन्हें देखते हुए मौजूदा चैंपियन जर्मनी, ब्राजील, स्पेन, फ्रांस, अर्जेंटीना, बेल्जियम का पलड़ा भारी लग रहा है। 'वेबदुनिया' की इस विशेष फीफा वर्ल्ड कप सीरीज में आज हम पांच बार की विश्व विजेता ब्राजील टीम का विश्लेषण करते हैं-
 
ब्राजील  :-
2016 ओलिंपिक के दौरान रियो डी जेनेरियो के माराकना स्टेडियम में मुझे ब्राजील विरुद्ध जर्मनी के बीच ओलंपिक फुटबॉल का स्वर्ण पदक मैच देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। मैच बहुत रोमांचित रहा और लोकप्रिय नेमार ने पेनल्टी शूट आउट में शानदार गोल करते हुए ब्राजील को ओलंपिक में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 
 
आज भी दर्शकों की आवाज की गूंज, शोर और वह अद्‍भुत शाम मेरे लिए ताज़ा है। हम भारतीय क्रिकेट को अपना जुनून मानते हैं लेकिन ब्राजील में फुटबॉल जूनून नहीं, ज़िन्दगी से भी बढ़कर है। ब्राजील के घरेलू प्रतियोगीयता में तो कई बार स्थानीय फुटबॉल मैच हार जाने पर शहर में कर्फ्यू लगाया जाता है।

ब्राजील का फुटबॉल शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, इसे सिर्फ अनुभव किया जा सकता है। पांच बार विश्व विजेता और सभी 21 विश्व कप मे खेलने का इतिहास केवल ब्राजील  ही कर सकता है।
 
2014 में अपने ही घर मे वर्ल्ड कप खेलते हुए ब्राजील को सेमीफाइनल में जर्मनी से 7-1 से मुँह की खानी
पड़ी थी। वर्ल्ड कप के तुरंत बाद कोच लुइज़ फिलिप स्कोलारी ने अपना इस्तीफा दिया और ब्राजील खिलाडी डूंगा ने कोचिंग के डोर अपने हाथों में संभाल ली लेकिन कोपा अमेरिका में 2015 और 2016 के शुरुआती दौर से ब्राजील बाहर हुआ और कोच 'डुंगा' की छुट्टी कर दी गई। 
 
नए कोच 'टिटे' ने ब्राजील को पूरी तरह से बदल दिया था। क्वॉलिफाइंग के दौरान 17 मैचों मे ब्राजील अजेय रहा और बर्लिन में मैत्रीपूर्ण मैच में जर्मनी को भी शिकस्त दी। ब्राजील, 2018 में क्वालीफाई करने वाली पहली टीम रही और इस बार भी वर्ल्ड कप जीतने वाली सबसे बड़ी दावेदार है।
 
मुझे कोच टिटे का अंदाज़ काफी पसंद आया। प्रतियोगिता के एक महीने पहले ही सीधे 23 खिलाड़ियों को उन्होंने घोषित कर दिया, जबकि उनके पास काफी वक्त था, लेकिन यह ब्राजील का संकेत हो सकता है सभी देशो के लिए अपने आत्मविश्वास दिखाने का। टिटे ने बाहुबली टीम घोषित की है। 
 
हालांकि अनुभवी डानी (dani) अल्व्स घुटने की चोट के कारण विश्व कप से बाहर हैं लेकिन मार्सेलो, थियागो सिल्वा, फिलिप लुइज़, मिरांडा जैसे दिग्गज डिफेन्स में तो किस बात का डर। इस ब्राजील दीवार को तोड़ पाना सभी देशो के लिए बहुत मुश्किल रहने वाला है। नेमार जिन्हें कई लोगों ने विश्व के श्रेष्ठ और पेले विपरीत ब्राजील का सबसे होनहार खिलाड़ी समझा जाता है, इस वर्ल्ड कप में भी ब्राजील के केंद्र बिंदु रहेंगे।
 
3 जून 2018 को क्रोएशिया के साथ मैत्रीपूर्ण मैच में उन्होंने एक गोल भी किया लेकिन वे केवल 45 मिनट ही खेल पाए क्योंकि वे अभी अपनी चोट से उभर रहे हैं। ब्राजील यह मैच 2-0 से जीत गया और यह दर्शाता है कि चोटिल नेमार ब्राजील के लिए कितने महत्पूर्ण हैं, उनका टीम में रहना बाकी खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को  बढ़ाता है।
 
नेमार के साथ लिवरपूल के स्ट्राइकर फिरमिनो और मैनचेस्टर सिटी के होनहार गेब्रियल जीजस ब्राजील  के एहम स्ट्राइकर होंगे। फिरमिनो और जीजस, इस वर्ष इंग्लिश प्रीमियर लीग में जबरदस्त फॉर्म में दिखे। दोनों ने कुल 28 गोल करते हुए लोकप्रियता बटोरी है। युवेंटस के स्ट्राइकर डगलस कोस्टा, जो अपने गति के लिए जाने जाते हैं, उन्हें अपनी प्रतिभा दर्शाने का अहम् मौका मिला है। 
 
मिडफील्ड में कैसीमेरो, कॉन्टिन्हो, पॉलिन्हो, विलियन जो यूरोप के दिग्गज क्लब रियल मैड्रिड, बार्सिलोना, मैनचेस्टर सिटी जैसे क्लब के महत्पूर्ण सदस्य हैं। ब्राजील टीम का हर एक सदस्य सितारा है और आप इसे विश्व की सबसे मजबूत टीम कह सकते हैं।
 
कोच टिटे के पास बहुत विकल्प मौजूद रहेंगे। यह देखना काफी दिलचस्प रहेगा की वे 4-4-2 या 4-3-3
गठन से इस प्रतियोगिता में खेलेंगे। ब्राजील को थोड़ा सा आसान ग्रुप मिला है। वे ग्रुप 'ई' में स्विट्ज़रलैंड,
सर्बिआ और कोस्टा रिका के साथ होंगे। इस ग्रुप में ब्राजील आसानी से शीर्ष पर रहने की उम्मीद है।
 
ब्राजील को कोई रोक सकता है तो वे होंगे जर्मनी, स्पेन या फ्रांस जैसे मजबूत यूरोपियन देश। ब्राजील  को
हराना आत्मविश्वास बढ़ा देता है। फ्रांस और नीदरलैंड ने ब्राजील को 2006 और 2010 क्वार्टर फाइनल में
हराया था और वे वर्ल्ड कप के उपविजेता रहे थे।
 
2014 के सेमीफाइनल में ब्राजील 7-1 से जर्मनी से हार गया तो जर्मनी का पलड़ा फाइनल में भारी रहा और वे विश्व विजेता बन गए। ब्राजील  2002 के बाद एक बार भी विश्व कप नहीं जीत पाया और विश्व विजेता बनने के भूख इस ब्राजीलियाई दल में दिखाई भी दे रही है। 
 
23 सदस्य ब्राजील  की टीम इस प्रकार है
गोलकीपर : एलिसन (एस रोमा), एडर्सन (मैनचेस्टर सिटी), कैसियो (कोरिंथिन)
डिफेंडर : मिरांडा (इंटर मिलान), मार्क्विन्होस (पेरिस सेंट-जर्मेन), थियागो सिल्वा (पेरिस सेंट-जर्मेन),
गेरोमेल (ग्रैमियो), मार्सेलो (रियल मैड्रिड), फागनेर (कोरिंथिन), डेनिलो (मैनचेस्टर सिटी), फिलिप लुइस
(एटलेटिको मैड्रिड)
मिडफील्डर : कैसीमेरो (रियल मैड्रिड), फर्नांडीन्हो (मैनचेस्टर सिटी), पॉलिन्हो (बार्सिलोना), रेनाटो
ऑगस्टो (बीजिंग गुओन), फिलिप कॉउटिन्हो (बार्सिलोना), विलियन (चेल्सी), फ्रेड (शाखतर डोनेट्स्क)
फॉरवर्ड्स : नेमार (पेरिस सेंट-जर्मेन), गेब्रियल जीसस (मैनचेस्टर सिटी), फ़िरमिनो (लिवरपूल), ताइसन
(शाखतर डोनेट्स्क), डगलस कोस्टा (जुवेंटस)
कोच : टिटे

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