world Animal Day 2021 : विश्‍व पशु दिवस क्‍यों मनाया जाता है, जानें क्‍या है इतिहास और महत्‍व

सोमवार, 4 अक्टूबर 2021 (11:02 IST)
हर साल 4 अक्टूबर को विश्‍व पशु दिवस मनाया जाता है। पशु पंचेंद्रिय नहीं होते हैं लेकिन उनकी आत्मा में भी मैत्री भाव जरूर होता है। वह भी इंसान के प्रति वफादार होते हैं। श्वान को वफादार का पर्याय कहा जाता है। 21वीं सदी में देखा जाए तो पहले के मुकाबले लोगों का जानवरों के प्रति रूझान बढ़ रहा है। जानवर भी एक संवेदनात्मक प्राणी है इसलिए वह सामाजिक न्‍याय पाने का भी हकदार है। गौरतलब है कि मनुष्य की क्रियाओं से भी जानवरों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए जानवरों के जीवन की बेहतरी और उसके अधिकारोंके लिए आगे आए। पशुओं की स्थिति बेहतर और उनके कल्याण मानकों में सुधार के लिए जरूर कदम भी उठाए। प्राणियों की भावना को पहचाने और उनकी भावनाओं का भी सम्मानकरें। भगवान महावीर ने उपदेश दिया था -
 
खामेमि सव्वे जीवा, सव्वे जीवा खमंतु मे।
मित्तिमे सव्व भुएस्‌ वैरं ममझं न केणई।

 
अर्थात सभी प्राणियों के साथ मेरा मैत्री भाव है, मैं सभी जीवों से क्षमा मांगता हूं और किसी के साथ मेरा बैर नहीं है। ऐसा हर साल जैन धर्म में संवत्सरी पर्व पर कहा जाता है।  

अंतर्राष्ट्रीय पशु दिवस इतिहास

पशु दिवस को एक जर्मन लेखक हेनरिक जिमर्मन द्वारा मनाया गया था। औपचारिक रूप से इसे 4 अक्टूबर को मनाने का प्रावधान रखा गया था। हालांकि सेंट फ्रांसिस के दावत का दिन होता है, इसे 24 मार्च 1925 को बर्लिन में मनाया गया था। इस दौरान करीब 5000 लोग इकट्ठा हुए थे। शुरुआत में जर्मनी में मनाया गया। इसके बाद स्विट्जरलैंड,ऑस्ट्रिया, में मनाया गया। बाद में इसकी लोकप्रियता कई देशों में बढ़ने लगी। और देखते ही देखते कई देश इसे मनाने लगे। हालांकि 1931 में फ्लोरेंस, इटली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पशु संरक्षण सम्‍मेलन ने इसे  अंतरराष्ट्रीय पशु दिवस को 4 अक्टूबर को मनाने का प्रस्ताव पारित किया।

पशु दिवस का महत्‍व

इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य पशु कल्‍याण मानकों में सुधार करना। विलुप्त हो रहे प्राणियों की रक्षा करना। पशु दिवस का महत्‍व है जानवरों के प्रति अनोखा संवेदनात्मक भाव रखना। क्‍योंकि वह इंसानों की तरह जीने का हक रखते हैं। अक्‍सर किसी प्राक़तिक आपदा के दौरान अक्‍सर पशुओं को छोड़ दिया जाता है। और उनकी मौत हो जाती है। इंसानों की तरह उनकी सुरक्षा करना जरूरी है। इस दिन को मनाने का महत्‍व है कि इंसान की तरह जानवर भी हर हक पाने का हकदार है। महत्‍व को बढ़ाने के लिए विभिन्‍न प्रकार के कार्य किए जाते हैं। पशुओं की गुणवत्‍ता में सुधार के लिए विश्‍व पशु कल्‍याण विभाग, जानवरों के उपचार और आश्रयों के लिए फंड जुटाया जाता है। जैसे तमाम गतिविधियां की जाती है।

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