आमतौर दूध का ज़िक्र आने पर हम गाय और भैंस के दूध पर ही भरोसा करते हैं। इन दूध को डेयरी दूध कहा जाता है। इन जानवरों के दूध को हम फुल फैट, लो फैट और स्कीम मिल्क में बांट देते हैं। हमारे दिमाग में दूध के नाम डेयरी कौंध जाती है जो बेहद फायदेमंद है। कुछ लोग लैक्टोस (दूध में होने वाली शक्कर) को पचा नहीं पाते। अधिकतर लोग दूध से वजन बढ़ाने से परेशान हो जाते हैं।
अगर आप वजन को बढ़ने से रोकना चाहते हैं और हेल्थ से किसी तरह के समझौते को तैयार नहीं तो आपको दूध ने अन्य सोर्स ज़रूर पता होना चाहिए। ऐसे में क्या आप ऐसे दूध के प्रकार नहीं जानना चाहेंगे जो बहुत फायदेमंद हैं और इनके साथ डेयरी दूध जैसी समस्याएं भी नहीं। इन्हें पीकर न तो आपका वज़न बढ़ेगा और न ही आपको दूध पचाने में मुश्किल होगी।
सोया दूध या सोया मिल्क
सोया मिल्क डेयरी से बचने का बढ़िया रास्ता है। इसमें थोड़ा सा अधिक हेल्दी फैट्स है। साथ ही इसमें आपको प्रोटीन भरपूर मिलेगा। सोया मिल्क वनस्पति से मिलने वाला दूध का एक प्रकार है। इसके लिए सोयाबीन को भिगाकर पिसा जाता है। इसके बाद इसे अधिक आंच पर गर्म किया जाता है। गर्म करने के बाद छानकर दूध के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। स्वाद और दिखने में यह बहुत कुछ डेयरी मिल्क की तरह होता है। जो लोग डेयरी नहीं खाना चाहते वे सोया मिल्क और टोफू (इस दूध से बनने वाला पनीर) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बादाम का दूध या अल्मंड मिल्क
बादाम का दूध काफी बड़े पैमाने पर डेयरी के बदले इस्तेमाल किया जाने लगा है। इसमें विटामिन ई बहुत ज़्यादा मात्रा में होता है और फैट काफी कम। इसमें प्रोटीन की मात्रा कम और प्राकृतिक शुगर की मात्रा अधिक होती है। डेयरी से अलग इसमें कोलेस्ट्रॉल और लैक्टोस ( डेयरे में मौजूद प्राकृतिक शक्कर) बिल्कुल नहीं होती, जिसकी वजह से यह काफी पसंद किया जाता है। इसे घर में ही मिक्सर में बादाम, पानी के इस्तेमाल से तैयार किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल सोया मिल्क से कहीं अधिक होता है।
नारियल दूध या कोकोनट मिल्क
इसे आमतौर पर लोग कोकोनट मिल्क के नाम से इस्तेमाल करते हैं। नारियल दूध को नारियल को मिक्सर में पानी के साथ पीसकर निकाला जाता है। इसका स्वाद बेहद अच्छा होता है जो इसमें मौजूद तेल के कारण होता है। इस दूध का इस्तेमाल कई तरह के व्यंजन बनाने में बड़े पैमाने पर किया जाता है। इसमें काफी अधिक मात्रा में कैलोरी मौजूद होती है। यह कॉर्बोहाइड्रेड का अच्छा स्त्रोत है। इसमें थोड़ा सा प्रोटीन भी पाया जाता है। इसमें मैगनीज़, फॉस्फोरस, आयरन और मैग्निज़ियम काफी अधिक मात्रा में होता है।
चावल का दूध या राइस मिल्क
डेयरी को छोडने की ठान ही चुके हों तो इस मिल्क का उपयोग किया जा सकता है। जहां तक न्यूट्रिशंस का सवाल है यह अच्छा ऑप्शन नहीं कहा जाएगा। इसमें प्रोटीन बहुत कम होता है। इसके विपरीत फैट, शक्कर और कैलोरिज़ इसमें अधिक होती हैं। ऐस लोग जिन्हें डेयरी से किसी तरह की एलर्जी है इस दूध को अपना सकते हैं। इसे बनाने के लिए ब्राउन राइस का इस्तेमाल आप कर सकते हैं। पानी के साथ ब्राउन राइस पकाए जाते हैं। फिर इस मिश्रण को पानी के साथ पीसा जाता है। इससे दूध प्राप्त होता है जिसे आप करीब एक हफ्ते तक रख सकते हैं।
इन चारों मिल्क टाइप को जानने के बाद आसानी से कहा जा सकता है कि अगर डेयरी (गाय या भैंस) का दूध नहीं पीना चाहते हैं तो सोया मिल्क सबसे बढ़िया ऑप्शन है। यह लगभग डेयरी दूध जितना स्वास्थ्यकर है। बस ध्यान रखने योग्य बात यह है कि इसे पीने के पहले हिला अवश्य लें। इससे ग्लास की तली में जमा कैल्शियम आप पी पाएंगे।