देश में एक बार फिर से डेंगू का कोहराम मच गया है। डेंगू के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बच्चों से लेकर बूढ़े इसकी चपेट में आ रहे है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ती ठंड में डेंगू का प्रकोप कम हो जाएंगा। लेकिन इसका प्रभाव अभी बढ़ता ही नजर आ रहा है। गौरतलब है कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है। और यह साफ पानी और गंदे पानी दोनों जगह पर होता है। इसलिए अपने आस-पास, घर के बाहर या घर में कहीं भी पानी नहीं जमा हो। डेंगू के मच्छर पानी से ही फैलते हैं। पूरी बांह के कपड़े पहनकर रखें। घर में मच्छर भगाने की दवा का प्रयोग करें। डेंगू की चपेट में आ रहे मरीजों के लिवर पर असर पड़ रहा है। आइए जानते हैं किस तरह ध्यान रख सकते हैं -
डॉ रविंद्र काले, गैस्ट्रोलॉजिस्ट, इंदौर ने बताया कि, 'डेंगू मच्छर से होने वाली बीमारी है। इसका मच्छर दिन में काटता है। लेकिन घुटने से नीचे की ओर काटता है। बच्चे और बड़े खास ख्याल रखें। पूरी बाह के कपड़े पहनकर रहें। कहीं भी पानी जमा नहीं होने दें। वहीं लीवर की बात की जाए तो आपको डेंगू से बचाव की सावधानियों पर ध्यान दें। बुखार होने पर जल्द से जल्द डॉ से संपर्क करें। ताकि किडनी या लीवर पर इसका असर नहीं पड़ें। अपनी डाइट सामान्य रखें। डेंगू का लिवर से सीधा संबंध नहीं है। इससे पहले आपको डेंगू से बचाव के ही उपाय ध्यान में रखते होंगे।'
डेंगू के मरीजों में गंभीर लक्षण सामने आ रहे हैं जैसे कि - सांस फूलना, लीवर, पेट या फेफड़ों में पानी भर जाना, पेट दर्द होना। एक्सपर्ट के मुताबिक लक्षण दिखने पर ही मरीजों को डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। ताकि तबीयत बिगड़ने से पहले सही इलाज मिल सकें।
डेंगू से बचाव के लिए बकरी के दूध का सेवन करें। बकरी का दूध डेंगू से बचने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हरे पौधों और पत्तियों को आहार के रूप में ग्रहण करने के कारण इसके दूध में भी औषधीय गुण होते हैं, और यह कई तरह की बीमारियों को दूर करने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही कारण है कि जो व्यक्ति नियमित तौर पर बकरी का दूध पीता है, उसे बुखार जैसी समस्याएं नहीं होती। बकरी के दूध में विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो बीमारियों से लड़ने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं। विटामिन बी6, बी12, विटामिन डी, फोलिक एसिड और प्रोटीन से भरपूर बकरी का दूध शरीर को पुष्ट कर, प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है, जिससे बीमारियों की संभावना नहीं के बराबर हो जाती है।
विटामिन सी ,हल्दी, तुलसी और शहद, पपीता, अनार, मेथी, गिलोय, बकरी का दूध, जवारे का रस, सूप और हर्बल टी।