What time should we wake up every morning: रात को कितने बजे सोना चाहिए और सुबह कितने बजे उठना चाहिए यह सवाल सभी के मन में होगा। जब से बिजली का आविष्कार हुआ है तब से ही इंसानों की नींद का शेड्यूल गड़बड़ा गया है। हालांकि शहरों में लोगों का जागना और सोना तो लगभग बदल गया है। लोग देर से सोते हैं तो देर से भी जागते होंगे। कई लोग ऐसे हैं जो देर से होते हैं परंतु उन्हें जल्दी जागना होता है। हालांकि इस बीच यह जानना जरूरी है कि हमें प्रतिदिन कितनी बजे उठ जाना चाहिए।
कितने बजे उठना चाहिए सुबह?
भारत की धार्मिक परंपरा के अनुसार तो सभी को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए।
सूर्योदय के पूर्व के प्रहर में दो मुहूर्त होते हैं। उनमें से पहले मुहूर्त को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त का समय सूर्योदय से 1 घंटे 36 मिनट पहले शुरू होता है और इसके 48 मिनट पहले समाप्त हो जाता है।
स्थानीय समयानुसार सूर्योदय का समय अलग अलग होता है।
हमारी घड़ी के अनुसार प्रात: 4.24 से 5.12 का समय ब्रह्म मुहूर्त है।
अधिकतर लोगों का मानना है कि सुबह 04 से 5:30 के बीच के समय में बिस्तर छोड़ देना चाहिए।
कुछ शोधकर्ताओं की मानें तो सुबह 05:30 से 06 बजे के बीच उठना सही होता है।
कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि सुबह 06 से 07 बजे के बीच उठना भी सही रहता है।
एक्सपर्ट की मानें तो आपको रात 10 बजे किसी भी हालत में सो जाना चाहिए।
व्यस्त लाइफ स्टाइल है तो रात में 11 बजे तक सोना और सुबह 6 बजे उठना हेल्थ की दृष्टि से बेहतर माना जाता है।
क्यों उठना चाहिए सुबह जल्दी?
यदि आप साधक हैं तो आपको सुबह जल्दी उठना चाहिए क्योंकि इस समय ऑक्सिजन भरपूर रहती है और वातावरण भी आध्यात्मिक रहता है।
यदि आपने अपने जीवन में कोई लक्ष्य तय कर रखा है तो आपको सुबह जल्दी उठना चाहिए क्योंकि इससे आपको दिनभर कार्य करने के लिए भरपूर समय मिलेगा।
सुबह जल्दी उठने के फायदे?
वैज्ञानिक शोधों से ज्ञात हुआ है कि ब्रह्म मुहुर्त में वायुमंडल प्रदूषणरहित होता है। इसी समय वायुमंडल में ऑक्सीजन (प्राणवायु) की मात्रा सबसे अधिक (41 प्रतिशत) होती है, जो फेफड़ों की शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण होती है। शुद्ध वायु मिलने से मन, मस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है। ऐसे समय में शहर की सफाई निषेध है।
वैज्ञानिक खोजों से पता चला है कि इस समय ऑक्सीजन 41 प्रतिशत, करीब 55 प्रतिशत नाइट्रोजन और 4 प्रतिशत कार्बन डाईआक्साइड गैस रहती है। सूर्योदय के बाद वायुमंडल में ऑक्सीजन कम और कार्बन डाईआक्साइड बढ़ती है।
आयुर्वेद के अनुसार इस समय बहने वाली वायु को अमृततुल्य कहा गया है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर टहलने से शरीर में संजीवनी शक्ति का संचार होता है।
यह समय अध्ययन के लिए भी सर्वोत्तम बताया गया है, क्योंकि रात को आराम करने के बाद सुबह जब हम उठते हैं तो शरीर तथा मस्तिष्क में भी स्फूर्ति व ताजगी बनी रहती है। सुबह ऑक्सिजन का लेवल भी ज्यादा होता है तो मस्तिष्क को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करता है जिसके चलते अध्ययन बातें स्मृति कोष में आसानी से चली जाती है।