इस पदार्थ के द्वारा गठिया से ग्रसित रोगियों में ज्वलनशीलता को कम करने में भी सहायता मिलती है। शोधकर्ता सलाह-उद्-दीन अहमद के अनुसार, हमारी शोध गठिया से ग्रसित लोगों के उपचार के क्षेत्र में काफी सहायक है।
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने गठिया से ग्रसित लोगों के शरीर में सिनोवियल नामक कोशिका को खोजा, जिन्हें चाय-पत्तियों द्वारा संयोजित करके उनमें साइकोटीन IL-1ƒO नामक प्रोटीन को डाला। इस क्रिया से गठिया से ग्रसित कोशिकाओं का उपचार किया गया।
अहमद का कहना है कि शरीर में पाया जाने वाला ईजीसीजी पदार्थ, चायपत्ती में पाए जाने वाले ईजीसीजी नामक तत्व से ही निर्मित होता है, जो गठिया के रोग से होने वाली क्षति की भरपाई करता है।