इस Eye Drop से 15 मिनट में चश्‍मा हटने का दावा, असर सिर्फ 4 घंटे, इस दावे पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर

ईशु शर्मा

बुधवार, 4 सितम्बर 2024 (16:34 IST)
Entode Pharmaceuticals
Entode Pharmaceuticals : कमजोर आंखों वालों के लिए एक खबर वायरल हो रही है, जिसमें एक आई ड्रॉप को लेकर नया दावा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि ये नई आई ड्रॉप बाजार में आने वाली है जो पढ़ने के लिए लगाए जाने वाले चश्मे को हटाने में मदद कर सकती है। ALSO READ: Monkey pox के लक्षण दिखें तो तत्‍काल करें ये टेस्ट, भारत ने लॉन्च की RT-PCR किट, 40 मिनट में मिलेगा रिजल्ट
 
मुंबई स्थित एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स ने प्रेसबायोपिया के इलाज के लिए प्रेस्वू आई ड्रॉप्स विकसित की है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) द्वारा इस आई ड्राप को मंजूरी दी गई है। यह भारत की पहली ऐसी आई ड्रॉप है जो पढ़ने के चश्मे की जरूरत को खत्म कर सकती है। ALSO READ: जानते हैं कितनी खतरनाक हैं ये 156 दवाएं, जिन्‍हें सरकार ने किया बैन!
 
15 मिनट में लौट आएगी आंखों की रौशनी!
एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स ने दावा किया है कि इस आई ड्रॉप को डालते ही सिर्फ 15 मिनट में आपकी आंखों की रोशनी अस्थाई रूप से लौट आएगी। यह दवा आंख की पुतलियों के साइज को कम करके प्रेसबायोपिया का इलाज करती है। जिसके कारण किसी भी चीज को करीब से देखने में मदद मिलती है।
 
सिर्फ 4 से 5 घंटे ही रहेगा इसका इफ़ेक्ट!
इंदौर के सुपर स्पेशलिस्ट आई सर्जन डॉ अमित सोलंकी ने वेबदुनिया को बताया कि यह आई ड्रॉप अन्य देशों में लांच हो चुकी है और भारत में इसके लॉन्च होने की तैयारी चल रही है। ये Pilocarpine Drop है। इस ड्रॉप को डालने के बाद आपको नजदीक का दिखने लगता है, लेकिन कुछ घंटों बाद इसको फिर से डालना पड़ता है। यह सिर्फ 4 से 5 घंटे के लिए काम करती है।
 
कांच बिंदु के इलाज में पिलोकार्पिन का होता है इस्तेमाल :
कांच बिंदु रोग जिसे काला मोतिया भी कहा जाता है, Pilocarpine Drop का इस्तेमाल इस रोग के लिए किया जाता है। कांच बिंदु के लिए 2 प्रतिशत पिलोकार्पिन का इस्तेमाल किया जाता है। इसी तकनीक को इस्तेमाल करके और पिलोकार्पिन को डाइल्यूट करके इसका इस्तेमाल नए तरीके से किया जा रहा है।
क्या होता है प्रेसबायोपिया?
प्रेसबायोपिया एक ऐसी स्थिति है जिससे दुनिया भर में लगभग 1.80 बिलियन लोग प्रभावित हैं। यह उम्र बढ़ने के साथ स्वाभाविक रूप से होता है, जिससे नजदीकी वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। डॉक्टर के अनुसार 40 साल की उम्र के बाद प्रेसबायोपिया होने की संभावना बढ़ जाती है।
 
चश्मा हटाने वाली भारत में पहली आई ड्रॉप! 
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) द्वारा पहले प्रोडक्ट की सिफारिश किए जाने के बाद ENTOD फार्मास्यूटिकल्स को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से अंतिम मंजूरी मिल गई है। दावा किया गया है कि प्रेस्वू भारत में पहली आई ड्रॉप है, जिसे प्रेसबायोपिया से पीड़ित लोगों में पढ़ने के लिए चश्मे की जरूरत को कम करने के लिए तैयार किया गया है।
 
कैसे करती है ये आई ड्रॉप काम?
ENTOD फार्मास्यूटिकल्स ने बताया गया है कि इस आई ड्रॉप में एक एडवांस डायनेमिक बफर तकनीक है, जो उसे आंसू के पीएच के लिए जल्दी से अनुकूलित करने की अनुमति देती है, जिससे दीर्घकालिक उपयोग के लिए लगातार प्रभाव और सुरक्षा सुनिश्चित होती है। इस ड्रोप का इस्तेमाल वर्षों तक किया जा सकता है।
 
हालांकि भारत में यह अभी तक कमर्शियल रूप से लॉन्च नहीं की गई है। डॉक्टर के अनुसार इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं इसलिए मरीज के अनुसार ही इसके डोज को तैयार किया जाएगा। बिना डॉक्टर की सलाह की आप इस दवाई को इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। 
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