क्या सच में कैंसर पेशेंट्स के लिए फायदेमंद है मैक्रोबायोटिक डाइट? जानिए कौन से फूड्स है इसमें शामिल

WD Feature Desk

सोमवार, 7 अप्रैल 2025 (18:47 IST)
macrobiotic diet in hindi: आज के समय में जब कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से फैल रही हैं, तब मरीज और उनके परिवार इलाज के साथ-साथ सहायक डाइट प्लान (supportive diet plan) की तलाश में रहते हैं। ऐसे में एक नाम जो अक्सर सामने आता है, वह है- मैक्रोबायोटिक डाइट (Macrobiotic Diet)। कहा जाता है कि यह डाइट कैंसर से लड़ने में शरीर की मदद करती है, लेकिन क्या यह सच है? क्या ये डाइट हर कैंसर पेशेंट के लिए सही है? इस लेख में हम जानेंगे मैक्रोबायोटिक डाइट के फायदे, नुकसान और इसमें क्या-क्या फूड्स शामिल होते हैं...
 
मैक्रोबायोटिक डाइट क्या है? (What is Macrobiotic Diet in Hindi)
मैक्रोबायोटिक डाइट एक ऐसा खानपान सिस्टम है जो बैलेंस, शुद्धता और नैचुरल फ़ूड आइटम्स पर डिपेंडेंट होती है। यह डाइट जापानी परंपराओं से प्रेरित है और इसमें ज्यादातर संपूर्ण अनाज (whole grains), मौसमी सब्जियां (seasonal vegetables), समुद्री सब्जियां (sea vegetables), दालें, बीज और कुछ खास फर्मेंटेड फूड्स को प्राथमिकता दी जाती है। यह डाइट शरीर में pH बैलेंस, एनर्जी फ्लो और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के सिद्धांत पर काम करती है।
 
क्या कैंसर मरीजों के लिए मैक्रोबायोटिक डाइट फायदेमंद है?
कई स्टडीज और रिसर्च में यह पाया गया है कि मैक्रोबायोटिक डाइट में मौजूद फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और कम प्रोसेस्ड फूड्स कैंसर मरीजों के लिए सपोर्टिव हो सकते हैं। यह डाइट शरीर में टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करती है। इंफ्लेमेशन को कम करने में सहायक मानी जाती है। साथ ही इम्यून सिस्टम को एक्टिव रखने में मदद करती है। कुछ रिसर्च में पाया गया है कि इस डाइट के चलते कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स थोड़े कम महसूस हो सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें, यह कोई इलाज नहीं है। यह सिर्फ एक सहायक जीवनशैली है, और हर पेशेंट के लिए यह डाइट उपयुक्त हो ऐसा ज़रूरी नहीं है। इसे अपनाने से पहले डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह लेना अनिवार्य है।
 
मैक्रोबायोटिक डाइट में क्या-क्या खाना शामिल होता है? (Foods Included in Macrobiotic Diet for Cancer Patients)
1. Whole Grains (संपूर्ण अनाज): ब्राउन राइस, ओट्स, बाजरा, जौ, रागी जैसे अनाज इस डाइट का मुख्य हिस्सा होते हैं। यह शरीर को धीरे-धीरे एनर्जी देते हैं और पाचन को दुरुस्त रखते हैं।
 
2. Vegetables (सब्जियां): विशेष रूप से मौसमी और लोकल सब्ज़ियाँ जैसे पालक, गाजर, मूली, ब्रोकोली, शलजम, कद्दू आदि। इन्हें उबालकर, भाप में पकाकर या हल्का भूनकर खाया जाता है।
 
3. Legumes & Beans (दालें और बीन्स): मूंग दाल, राजमा, मसूर, चने – यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं और फाइबर भी प्रदान करते हैं।
 
4. Sea Vegetables (समुद्री सब्जियां): नोरी, वाकामे जैसे समुंद्री पौधे जिनमें मिनरल्स भरपूर होते हैं। ये भारत में आसानी से नहीं मिलते, पर सप्लिमेंट फॉर्म में लिए जा सकते हैं।
 
5. Pickles & Fermented Foods (अचार और फर्मेंटेड फूड): मिसो, टेम्पेह, नेचुरल अचार – जो पाचन में सुधार करते हैं और गट हेल्थ बेहतर बनाते हैं।
 
6. Seeds & Nuts (बीज और मेवे): तिल, अलसी, सूरजमुखी के बीज, अखरोट आदि – जो हेल्दी फैट्स और ओमेगा-3 से भरपूर होते हैं।
 
7. Herbal Teas (हर्बल चाय): अदरक की चाय, हरी चाय, नींबू-शहद – जो शरीर को डिटॉक्स करते हैं और स्फूर्ति बनाए रखते हैं।
 
क्या मैक्रोबायोटिक डाइट हर किसी के लिए सेफ है?
नहीं, जरूरी नहीं। यह डाइट बहुत ही स्ट्रिक्ट होती है, जिससे शरीर को कभी-कभी कुछ जरूरी न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते। कई बार इससे कैलोरी की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी या थकान हो सकती है। बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बहुत कमजोर मरीजों के लिए यह डाइट नुकसानदायक भी हो सकती है। इसलिए इसे अपनाने से पहले डॉक्टर या न्यूट्रिशन एक्सपर्ट से ज़रूर परामर्श लें। 


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