Millet flour: यदि आप मोटापे से परेशान है, पेट में गैस और एसिडिटी होती है तो आपको अपने खानपान में बदलाव करना होगा। यदि आप ऐसा करने के लिए तैयार हैं तो निश्चित ही आप इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। बस आपको थोड़ा बहुत परहेज करना होगा और तब आप एकदम से स्वस्थ हो जाएंगे।
परहेज : आपको गेहूं का आटा, मैदा और बेसन से बने खाद्य पदार्थों को खाना छोड़ना होगा। इसी के साथ आपको यह ध्यान रखना होगा कि भोजन ज्यादा मसालेदार न हो।
ज्वार का आटा:
ठंड में इसके आटे से बनी रोटी को खाना चाहिए।
यह पाचन के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है।
यह ब्लड में शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखती है।
यह कोलेस्ट्रॉल को भी नहीं बढ़ने देती है। यानी हार्ट के लिए यह सही है।
यह ग्लूटेन फ्री आटा है जो प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और विटामिन से भरपूर होता है।
यदि आप ज्वार की रोटी खाते हैं तो गैस, एसिडिटी और अपच बचकर मोटापे को कंट्रोल में कर सकते हो।
मक्का का आटा:
मक्का के आटे में भरपूर फाइबर होता है जो पाचन तंत्र को सुधारने में कारगर है।
कभी कभी मक्के के आटे की रोटी भी खाना चाहिए या अन्य आटे में मक्का मिलाकर रोटी बनाकर खा सकते हो।
बाजरे का आटा:
यह भी एक ग्लूटेन फ्री आटा है जिसमें फाइबर, आयरन, प्रोटीन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व है।
यह पचन में भी आसान है और यह पेट की गर्मी को छांटता है।
बाजरे की 2 रोटी खाने से ही आपका पेट भरा जाएगा जबकि गेहूं कि आप कम से कम 4 रोटी खाएंगे।
यदि आप बाजरे की रोटी खाते हैं मोटापे को कंट्रोल में कर सकते हो।
रागी का आटा:
रागी का आटा भी ग्लूटेन फ्री आटा है और इसमें भी फाइबर होता है।
फाइबर हमारे पाचन तंत्र को ठीक करके गैसे, एसिडिटी जैसे रोग को रोकता है।
अमीनो एसिड है जिससे खाने के बाद आपकी और कुछ खाने या ज्यादा खाने की इच्छा नहीं होगी।
आपको पूरे दिन भेट भरा हुआ महसूस होगा, जो वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण है।
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