10 best shayar of 2019 : वर्ष 2019 में इन 10 शायरों ने लूटी महफिल

नवीन रांगियाल
किसी जमाने में मिर्ज़ा ग़ालिब, मीर तकी मीर और फैज़ अहमद फैज़ की शायरी का आलम हुआ करता था, क्‍लासिक शायरी सुनने वाले आज भी उसी तरफ लौटते हैं। लेकिन अब वक्‍त बदलने के साथ ही शायरी का अंदाज और उसके मानी भी बदल गए हैं। इस नए दौर में नए चेहरे अपनी नई तरह की शायरी से अपना मुकाम बना रहे हैं। ऐसे 10 शायरों को हमने चुना है जिनमें से कुछ ने शायरी की दुनिया में अपना मुकाम बना लिया है तो कुछ नए शायर लगातार अपनी जगह बनाने में कामयाब हो रहे हैं। जानते हैं, 2019 में चर्चा में रहे ऐसे 10 शायरों के बारे में।   
 मुनीर नियाजी 
मुनीर अहमद नियाजी पाकिस्‍तान के होशियारपुर में जन्‍मे थे। साल 2006 में उनका निधन हो गया। उर्दू और पंजाबी भाषा में शायरी करने वाले मुनीर नियाजी को उनके निधन के बाद आज भी बहुत सुना जाता है। मुनीर अपने बेहद नर्म ख़्याल और लहजे के लिए जाने गए। उनकी शायरी में कभी तल्ख़ी नहीं सुनी गई। बेहद इत्‍मिनान से पॉज के साथ कहे गए उनके शेर आज भी नई जनरेशन के कान और ज़ेहन में गूंजते हैं। 
 मुनव्‍वर राणा 
मुनव्‍वर राणा अपनी शायरी में दर्द के लिए जाने जाते हैं, कई बार शेर पढ़ते हुए वे खुद दर्द के एक चेहरे में तब्‍दील हो जाते हैं। बेहद संजीदा किस्‍म में शायर राणा अब कम सक्रिय हैं, लेकिन उन्‍होंने इतने ज्‍यादा और इतनी जगहों पर अपनी शायरी का असर छोड़ा है कि लंबे समय तक कायम रहेगा।
राहत इंदौरी
इंदौर के शायर राहत इंदौरी के बारे में यह कहना मुश्‍किल है कि उनकी शायरी ज्‍यादा असर करती है या उनका अंदाज ए बयां। शायरी करते हुए वे मंच पर माइक का बेहतरीन इस्‍तेमाल करते हैं। उनके शेर सुनने वाला सुनने के साथ ही मंच पर उनके अंदाज का भी कायल हो जाता है। जहां शायरी के पुराने लोग उन्‍हें पसंद करते हैं, वहीं नए लोग भी उनके मुरीद होते जा रहे हैं। 
परवीन शाकिर 
कई पुरुष दिग्‍गज शायरों में जिस महिला शायर ने बहुत ही खूबसूरती से अपना नाम और मुकाम कायम किया है उसका नाम परवीन शाकिर है। बेहद कम उम्र में लिखना शुरू करने वाली परवीन बेहद ही कम उम्र 42 साल में ही गुजर गईं। लेकिन इसके पहले वे काफी कुछ लिख गई और उर्दू की दुनिया में पूरी संजीदगी से अपना नाम दर्ज कर गईं। वे पाकिस्‍तान सिविल सेवा में भी रहीं, लेकिन उन्‍हें अपनी शायरी से ही पहचान मिली।
शिवकुमार बटालवी
शिवकुमार बटालवी पंजाबी भाषा के बहुत ही लोकप्रिय शायर रहे हैं। बहुत की कम उम्र में उन्‍होंने शायरी में अपनी जगह बनाई। इश्‍क की शायरी के लिए उन्‍हें खूब पसंद किया गया। पंजाबी में लिखने के बावजूद वे हिन्‍दी क्षेत्रों में लोकप्रिय शायर हुए। कहा जाता है कि उन्‍होंने शराब के नशे में ऐसी शायरी की ईजाद की कि शायरी पसंद अवाम नशे में डूब गई। 
गुलज़ार 
इस दौर के सबसे पॉपुलर शायर में गुलज़ार का नाम पिछले कई दशकों से कायम है। वे सदाबहार की तरह शायरी की दुनिया में मौजूद और मौजूं हैं। चाहे गीत की बात हो या शेर और गजल की, वे लगातार शायरी के दीवानों की पसंद बने हुए हैं। अपनी इश्‍किया शायरी से उन्‍होंने नई जनरेशन के दिलों पर भी कब्‍जा जमा लिया है। 
जावेद अख़्तर
जावेद अख़्तर भी शायरी की दुनिया में एक पुख्‍ता और हमेशा रहने वाला नाम है। उन्‍हें उनके गीतों के साथ ही शाइरी और गजलों के कारण काफी ऊंचाई मिली है। नए और पुराने सुनकारों को मिलाकर उनके प्रशंसकों की एक लंबी फेहरिस्‍त है। गुलज़ार की तरह ही वे अपनी तबीयत के लिए एक ख़ास मुकाम रखते हैं। 
प्रताप सोमवंशी 
नए दौर में प्रताप सोमवंशी एक प्रमुख दस्‍तखत हैं। उनकी कई गजलें बेहद लोकप्रिय हुई हैं। प्रताप सोमवंशी की कई कृतियां कन्‍नड़, बांग्‍ला और उर्दू में अनुवाद हो चुकी हैं। उनका ग़ज़ल संग्रह इतवार छोटा पड़ गया काफी चर्चा में रहा है। हिन्‍दी के अलावा, दूसरी भाषाओं में भी उन्‍हें काफी पसंद किया जा रहा है। 
तहजीब हाफी
तहजीब हाफी नई नस्‍ल के शायर हैं। 1988 में पाकिस्‍तान के सिंध में पैदा हुए। हिंदुस्‍तान और पाकिस्‍तान में काफी लोकप्रिय हैं। कई देशों में लोगों को अपना मुरीद बना चुके हैं। शायरी सुनने के वाले नए लोगों की खेप उन्‍हें जमकर सुन रही हैं। इश्‍क पर जो शायरी पढ़ते हैं तो वाह-वाह गूंज उठती है। 
कुमार विश्‍वास 
कुमार विश्‍वास को पूरी तरह से उर्दू शायर तो नहीं कहेंगे, लेकिन आज के दौर में हिन्‍दी कविता और ग़ज़ल के लिए उन्‍हें सबसे ज्‍यादा पसंद किया जा रहा है। वे नई जनरेशन की पसंद हैं। उन्‍हें सुनने के लिए सबसे ज्‍यादा युवाओं की भीड़ उमड़ती है। राजनीति छोड़कर अब पूरी तरह से मंच पर सक्रिय कुमार विश्‍वास को इस नए दौर में काफी लोकप्रियता मिल रही है।  
 

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