अब तक मैं अपनी कविताओं के माध्यम से जीवन को समझने की कोशिश करती रही या जो कुछ भी जीवन के विषय में समझा उन्हें अपनी कविताओं में साझा करती रही, लेकिन जब मुझे अपनी पहली किताब लिखने का मौका मिला, तो यह पहली बार नहीं था, जब जीवन ने मुझे अपने सुखद अचरज से सम्मोहित किया। एक उपन्यास के रूप में यह एक सुखद शुरुआत है
अपनी पहली किताब, मनरंगी पर यह कहना है इंदौर शहर की युवा लेखिका एवं शिक्षाविद् प्रो. गरिमा मुद्गल का। उन्होंने बताया कि मनरंगी एक हिंदी उपन्यास है,जो फिक्शन विधा में लिखा गया है। एक आकर्षक शीर्षक के साथ इस किताब के प्रति हर आयु वर्ग के पाठकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। प्रो. गरिमा मुद्गल, इंदौर की पूर्व में कई कविताएं- लघुकथाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। साथ ही साथ सोशल मीडिया पर भी वे अपनी रचनाओं के माध्यम से काफी एक्टिव हैं। 'मनरंगी' की प्री-बुकिंग शुरू हो चुकी है और विभिन्न ऑनलाइन वेबसाइटों पर यह उपलब्ध है।
पुस्तक : मनरंगी लेखक : गरिमा मुद्गल कीमत : 200 रुपए (पेपरबेक) प्रकाशन : शिवना प्रकाशन