महिला दिवस पर मुस्लिम एजुकेशनल सोसायटी राज का विशेष आयोजन
डॉ. फरगाना को उर्दू के विकास में उल्लेखनीय कार्यो के लिए महिला सशक्तिकरण अवार्ड 2017
राजस्थान मुस्लिम एजुकेशनल सोसायटी की राज्य महिला इकाई ने 25 ऐसी मुस्लिम महिलाओं को महिला सशक्तिकरण अवार्ड से नवाजा, जो अपने-अपने क्षेत्र में रहते हुए समाज में जागृति, विकास, तालीम समाज सुधार के लिए उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं।
प्रेस क्लब में आयोजित समारोह में पूर्व आईजी लियाकत अली खान, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सदस्य यासमीन फारूकी, आईएएस अशफाक हुसैन, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने महिलाओं को अवार्ड प्रदान किए। सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. आजम बेग ने बताया कि “21वीं शताब्दी और मुस्लिम महिला’ विषय पर आयोजित सेमीनार में वक्ताओं ने मुस्लिम महिलाओं की वह तस्वीर पेश की, जो उन्होंने हालात से जूझते हुए तैयार की।
इनका सम्मान किया गया - यासमीन फारूकी, मेहरुन्निसा खान, शाहीन, फरीदा सैयद, कुलसुम मलिक, सालिहा गाजी, मेमूना नरगिस, फरीदा बेग, शबाना डागर, डॉ. फय्याज, जीनत केफी, ताबीना अंजुम, अबीर अहमद, आलिमा अनवर, युसरा परवीन, रुखसाना खान, अामना खातून, इरम समरीन, गुलबहार, फरहत अलीम, मलिका नसीम डॉ. फरगाना।
इस्लाम में महिला को संपत्ति, उत्तराधिकार, पति चुनने शिक्षा का अधिकार- इस्लामधर्म में 1400 साल पहले ही स्त्री को मां, बेटी, बहन, पति की हैसियत से संपत्ति, पिता की संपत्ति में उत्तराधिकार, पति के चुनाव, शिक्षा पाने के अधिकार प्रदान किए गए थे। पिंकसिटी प्रेस क्लब में जमाते इस्लामी की ओर से आयोजित महिला कॉन्फ्रेंस में ये विचार जमात की प्रदेश महिला सचिव नासिरा जुबेरी ने रखे।
सहायक महिला सचिव रुबीना अबरार ने कहा कि महिला के कंधों पर नई नस्ल की परवरिश और उसे संस्कारवान बनाने का जो दायित्व है, वह महिलाओं के अलावा कोई नहीं निभा सकता। थॉमस एल्वा एडीसन इसी तरह के महान व्यक्तियों की सफलता का श्रेय उनकी मांओं को जाता है। इस्लाम महिलाओं को धर्म का पालन करते हुए जॉब करने की अनुमति देता है। कार्यक्रम को गर्ल्स इस्लामिक आर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष उबैदा इकबाल सहित अन्य ने भी संबोधित किया।