हिन्दी कविता : बड़ा ही दयालु है मुरली वाला

राकेशधर द्विवेदी
कट जाएंगे तेरे दुःख-दर्द सारे
कान्हा की चरणों में जाके तो देखो
बड़ा ही दयालु है मुरली वाला
 
कभी उसकी शरणों में जाके तो देखो
जाके तो देखो जाके तो देखो
तुझे मेरी मंजिल आके मिलेगी
मन में बसी तेरी तृष्णा हटेगी
मिट जाएंगे तेरे सारे कष्ट और पीड़ा
बांके बिहारी से नैना लड़ा कर तो देखो
बड़ा ही दयालु है मुरली वाला
 
कभी इसकी शरणों में जाके तो देखो
पूर्व जन्मों के तेरे पाप कटेंगे
दिन संवरेंगे तेरे भाग्य बहुरेंगे
अधरों में तेरे छलकेगी हंसी
कभी तो वृंदावन जाकर तो देखो
बड़ा ही दयालु है मुरली वाला
कभी मुरली की धुन पर गाकर तो देखो। 
 

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