हिम तुंग शिखर से आच्छादित,
भारत का स्वर्ण मुकुट चमके।
माता के पावन चरणों में,
हिन्द नील का जल दमके।
पश्चिम में कच्छ की विशाल भुजा,
पूरब में मेघ की गागर है।
उत्तर में है कश्मीरी केसर,
पन्ना धाय की है ये भूमि,
बलिदानों की अमर कहानी है।
आजाद, भगतसिंह के सीने से,
हुंकार उठी आजादी की।
बिस्मिल, अशफाक ने पूरी की,
कसम अंग्रेजों की बर्बादी की।