स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 300 शब्द में

Webdunia
Independence Day Essay: 15 अगस्त 1947 के दिन भारत देश आजाद हुआ। उससे पहले हम अंग्रेजों के गुलाम थे। सदियों की गुलामी के पश्चात अंग्रेजों के बढ़ते अत्याचारों से त्रस्त भारतवासियों के मन में विद्रोह की ज्वाला उस समय भड़की, जब देश के अनेक वीरों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर हमें आजादी दिलाई। इसीलिए 15 अगस्त का दिन देशवासियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। 
 
नेताजी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और कई नेताओं ने आजादी की क्रांति की आग फैलाई और अपने प्राणों की आहुति दी। सरदार पटेल, गांधी जी, नेहरू जी आदि ने सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए बिना हथियारों की लड़ाई लड़ी। कई सत्याग्रह आंदोलन और लाठियां खाने और कई बार जेल जाने के पश्चात अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाने पर मजबूर कर दिया। अंग्रेजों के अत्याचारों/ अमानवीय व्यवहारों के प्रति भारतीय जनता की एकजुटता बहुत काम आई और इस तरह 15 अगस्त 1947 का दिन हमारे लिए 'स्वर्णिम दिन' बन गया। हम, हमारा देश स्वतंत्र हो गए। अंग्रेजों के चुंगल से हमें मुक्ति मिल गई। 
 
स्वतंत्रता दिवस के इस ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए ही सन् 1947 से आज तक यह दिन हम बड़े ही उत्साह और प्रसन्नता के साथ मनाते आ रहे हैं। इस दिन हमारे प्रधानमंत्री राजधानी दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। बड़े ही धूमधाम और भव्यता के साथ यह दिन मनाया जाता है। शहीदों को श्रद्धां‍जलि, राष्ट्र के नाम संदेश देकर कई सभाओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। 
 
इस दिन शैक्षिक संस्‍थानों/ विद्यालयों, महाविद्यालयों, सरकारी कार्यालयों, खेल परिसरों, स्‍काउट शिविरों पर भारतीय ध्‍वज/ राष्‍ट्रीय झंडा फहराया जाता है। राष्ट्रगीत का गान और स्वतंत्रता संग्राम के सभी महानायको, महापुरुषों, शहीदों के प्रति श्रद्धापूर्वक मस्तक झुकाकर श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहु‍ति देकर हमें स्वतंत्र भारत में जीवन जीने और सांस लेने की आजादी दी। मिठाइयां बांटकर इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है।

ALSO READ: 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस : भारतीय झंडे की दिलचस्प कहानी

ALSO READ: स्वतंत्रता दिवस पर भाषण 2023 की शुरुआत के लिए 8 शायरियां

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख