Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला, जो हर 12 वर्षों में आयोजित होता है, हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। इसमें कल्पवास का विशेष महत्व है। कल्पवास एक आध्यात्मिक साधना है जो आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति के लिए की जाती है। इसमें श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर निवास करते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
कल्पवास का महत्व
कल्पवास के दौरान एक महीने तक संयम और साधना का पालन करना बहुत जरूरी होता है। इसे एक आध्यात्मिक यात्रा माना जाता है, जो आत्मा की शुद्धि, पापों के नाश, और धर्म के पालन का प्रतीक है। यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है और महाकुंभ में इसकी विशेष भूमिका है।
सात्विक भोजन: केवल सात्विक भोजन करना और मांसाहार से दूर रहना अनिवार्य है।
धार्मिक अनुष्ठान: प्रतिदिन पूजा-पाठ, दान, और भजन-कीर्तन करना चाहिए।
महाकुंभ में कल्पवास का महत्व हिंदू धर्म में अद्वितीय है। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति का साधन है, बल्कि धर्म और संस्कृति के प्रति आस्था को भी मजबूत करता है। अगर आप आत्मशुद्धि और ईश्वर के करीब जाने की इच्छा रखते हैं, तो महाकुंभ में कल्पवास अवश्य करें।
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