सराफा विवाद : महापौर भार्गव बोले, नहीं हटेगी एक भी दुकान, विधायक मालिनी गौड़ बोलीं, मेरा क्षेत्र है, मैं देखूंगी क्‍या करना है

इंदौर की स्‍वादिष्‍ट सराफा चौपाटी अब इंदौर में ही राजनीति का मैदान बन रही है। महापौर पुष्‍यमित्र भार्गव के एकतरफा फैसले से व्यापारी नाराज हो गए हैं। दरअसल, महापौर ने कहा है कि 80 दुकानदारों के लिए 2 हजार व्यापारियों की नहीं सुनी जाएगी। बता दें कि सराफा व्‍यापारी संघ चाट- चौपाटी की दुकानें लगाने वाले गैर पारंपरिक दुकानों के मालिकों को हटाने के लिए अभियान चला रहा है। ज्‍वेलरी के व्‍यापारियों का कहना है कि यहां सिर्फ 80 दुकानें ही रहना चाहिए जो पारंपरिक हैं। बाद में आने वाले लोगों को हटाया जाना चाहिए। इस पर महापौर पुष्‍यमित्र भार्गव ने एकतरफा फैसला सुना दिया है कि किसी को नहीं हटाया जाएगा।

वहीं दूसरी तरफ अब इस विवाद में पूर्व महापौर और क्षेत्र 4 की विधायक मालिनी गौड़ ने दो टुक कह डाला है कि यह मेरा विधानसभा क्षेत्र है और मैं खुद वहां जाकर देखूंगी, उसके बाद सबकी सहमति से फैसला किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि उनके पास दोनों पक्षों के व्‍यापारी मिलने आए थे। वहां कई तरह की असामाजिक गतिविधियां होती हैं, जिन्‍हें रोकना होगा। उन्‍होंने कहा कि वहां बहुत से मोमेडियन घुस आए हैं, उन्‍हें तो मैं बिल्‍कुल भी नहीं रहने दूंगी। यह मां अहिल्‍या की धरोहर है, यहां किसी तरह की अवैध गतिविधि नहीं होने दूंगी।
ALSO READ: इंदौर की सबसे स्‍वादिष्‍ट गली सराफा हुई बेस्‍वाद, क्‍या है ज्वेलरी व्‍यापारियों और चाट-चौपाटी वालों का विवाद?
क्‍या कहा पूर्व महापौर मालिनी गौड़ ने : वेबदुनिया हिंदी से फोन पर बात करते हुए पूर्व महापौर और विधानसभा क्षेत्र 4 की विधायक मालिनी गौड़ ने कहा कि सराफा में 80 दुकानें है पारंपरिक, वही रहेगी, इसके अलावा जितनी भी अतिरिक्‍त दुकानें हैं या जो जबरन घुस आए हैं, उन्‍हें बिल्‍कुल नहीं रहने दिया जाएगा। वहां बहुत से मोमेडियन  घुस आए हैं, उन्‍हें तो मैं बिल्‍कुल भी नहीं रहने दूंगी। उन्‍होंने बताया कि मुझे पता चला है कि वहां असामाजिक गतिविधियां हो रही हैं। दोनों पक्षों के व्‍यापारी मुझसे मिलने आए थे। ये मां अहिल्‍या की नगरी है  और सराफा भी इसी गरिमा की धरोहर है। उन्‍होंने बताया कि मिलकर बात कर के ही कोई हल निकाला जाएगा, जिसने जो भी कहा हो, ये मेरा विधानसभा क्षेत्र है, मैं खुद वहां जाकर देखूंगी और समाधान निकालूंगी, लेकिन असामाजिक गतिविधि और गैर पारंपरिक दुकानें नहीं लगने दूंगी।

महापौर भार्गव का बयान : दूसरी तरफ वर्तमान महापौर पुष्‍यमित्र भार्गव ने लंबे समय से सराफा चौपाटी हटाने पर अड़े व्यापारियों से सोमवार को मुलाकात की और कहा है कि सराफा चौपाटी इंदौर की पहचान है, इसे हटाया नहीं जा सकता। सराफा व्यापारियों ने महापौर के इस फैसले को एकतरफा बताया है। ऐसे में पूर्व महापौर और विधानसभा 4 की विधायक मालिनी गौड़ के बयान के बाद से वतर्मान और पूर्व महापौर आमने सामने आ गए हैं। बता दें कि मालिनी गौड ने कहा है कि मैं इस क्षेत्र से विधायक हूं और मैं खुद जाकर देखूंगी और मिलकर फैसला करुंगी।

क्‍या है सोना-चांदी बनाम व्‍यंजन विवाद : हाल ही में सराफा में सोना चांदी के व्‍यापारी और कई तरह के व्‍यंजन की दुकानें लगाने वाले दुकानदारों के बीच विवाद शुरू हो गया है। सराफा व्यापारियों का कहना है कि रात में चौपाटी लगाने वाले दुकानदार शाम 7 बजे ही आने लग जाते हैं और उनकी जेवर की दुकानों के आगे दुकानें लगाते हैं और रोकने पर विवाद करते हैं। उन्होंने यहां की 80 परंपरागत खाद्य पदार्थों की दुकानों को ही चौपाटी पर लगाने देने की बात कही है। शेष दुकानों को कहीं ओर शिफ्ट करने के लिए प्रशासन से मांग की है। जबकि कुछ सराफा व्यापारी तो चाहते हैं कि चाट चौपाटी की दुकानें लगें तो सभी लगें, नहीं तो एक भी नहीं रहनी चाहिए। दअरसल, कई दशकों यह परंपरा है कि दिनभर सराफा व्‍यापारी दुकाने लगाते हैं और शाम को जब वे दुकानें बंद करते हैं तो उन दुकानों के आगे चौपाटी वाले दुकानें लगाते हैं जो रातभर चलती हैं। अब दोनों व्‍यापारी वर्ग में इसे लेकर कलेश हो गया है।

क्‍या कहते हैं व्‍यापारी : इंदौर सराफा व्‍यापारी एसोसिशन अध्‍यक्ष हुकुम सोनी ने बताया कि एमआईसी ने कहा है कि परंपरागत 80 दुकानों को ही जगह देना है, लेकिन अब तक नहीं हटाया। अब गुंडागर्दी हो रही है, विवाद और छेड़छाड़ होने लगी है, फैमिली आने से कतराने लगी है। अब नए लोग नुडल्‍स और मोमोज खाने आते हैं।

घुस आए असामाजिक तत्‍व : बता दें कि इंदौर की सराफा चौपाटी अपने परंपरागत व्‍यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें गुलाब जामुन, मालपुए, रसगुल्‍ले, नमकीन, मावे की मिठाइयां, भुट्टे का किस, गराडू, दहीबड़ा, जलेगी, रबड़ी, कलाकंद, शिकंजी, हॉट डॉग और चाट आदि शामिल हैं। लेकिन पिछले कुछ साल में यहां चाइनीज आयटम जैसे नुडल्‍स, मंचुरियन, पित्‍जा, बर्गर, मोमोज, पास्‍ता और तमाम तरह के विदेशी व्‍यंजनों ने जगह हथिया ली है, इससे इंदौर का मूल स्‍वाद और तासीर गायब हो गए हैं। दरअसल, यहां असामाजिक तत्‍व घुस आए हैं जो आए दिन विवाद करते हैं। वर्तमान में सराफा चाट चौपाटी पर ऐसी दुकानें लगने लगी हैं, जिनका मालवा के मूल व्यंजनों के कोई सरोकार नहीं है। ऐसे में यहां का स्‍वाद लगातार बेस्‍वाद होता जा रहा है।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी