इंदौर। शहर के मरीमाता क्षेत्र से चिकित्सकों के त्वरित निर्णय, कर्तव्य, तत्परता और सेवा का अनूठा मामला सामने आया है। यहां चिकित्सकों ने प्रसव पीड़ा से कराहती एक गर्भवती महिला की ऑटोरिक्शा में ही प्रसूति करवाकर मां और नवजात की जान बचाकर अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।
घटना शहर के मरीमाता क्षेत्र में स्थित कर्मचारी राज्य बीमा सेवा (श्रम विभाग) के औषधालय की है। यहां एक गर्भवती महिला को ऑटोरिक्शा से डिस्पेंसरी परिसर लाया गया था। इसी बीच चिकित्सकों को सूचना मिली कि गर्भवती महिला की स्थिति गंभीर है तो उन्होंने तुरंत ऑटोरिक्शा में ही महिला की प्रसूति कराकर मां और नवजात शिशु की जान बचा ली।
डॉक्टर साधना बांझल जो स्वयं शिशु रोग विशेषज्ञ हैं, डॉक्टर ग्रीष्मा मालवीय, डॉक्टर तृप्ति लखावत, सिस्टर सुनीता तोमर तथा सिस्टर जयश्री कंवर ने इमरजेंसी में यह कार्य कर इस विश्वास को पुनः दृढ़ किया कि नर सेवा नारायण सेवा है और सेवा का यह भाव चिकित्सा का मूल तत्व है, जिसे चिकित्सकों ने दो प्राणों की एकसाथ रक्षा कर साबित किया है।