सोनम की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश प्रणव वर्मा ने कहा कि यह कृत्य कानून के सभी सिद्धांतों के विरुद्ध है। याचिकाकर्ता के साथ-साथ उसकी बेटी और उसके पूरे परिवार के मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। ऐसा कोई कृत्य होने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जिससे याचिकाकर्ता और उसके परिवार की छवि धूमिल हो।
कोर्ट ने आदेश में कहा, भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में ऐसा करना पूरी तरह से अनुचित होगा। भले ही याचिकाकर्ता की पुत्री किसी आपराधिक मामले में अभियुक्त हो और प्रतिवादी की शिकायत कुछ भी हो। उनके और उनके परिवार के सदस्यों के विरुद्ध ऐसे पुतला दहन की अनुमति नहीं दी जा सकती।
गौरतलब है कि इंदौर में पौरुष संस्था ने दशहरा पर सोनम, मुस्कान सहित अन्य 11 महिलाओं के पुतले रावण के पुतले के स्थान पर जलाने की घोषणा की थी। इस पर सोनम की मां संगीता रघुवंशी ने 25 सितंबर को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कोर्ट में अभी उसे दोषी नहीं ठहराया है। इसलिए इस तरह के आयोजन को रोका जाना चाहिए।