चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने कहा कि चीन और भारत ‘प्रतिद्वंद्वी’ नहीं, ‘साझीदार’ हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि चीन द्विपक्षीय व्यापार घाटे में कमी लाने का प्रयास करेगा।
जियाबाओ ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनन्द शर्मा से मुलाकात के बाद कहा कि अगर केवल चीन और भारत साझा विकास एवं समृद्धि हासिल कर लें तो हमारे पास सही मायने में एशियाई शताब्दी होगी। उन्होंने कहा कि चीन और भारत एशिया में सबसे बड़े विकासशील देश हैं और विश्व की कुल आबादी का 40 फीसद चीन और भारत में है।
उन्होंने कहा कि हम समान हितों में साझीदार हैं। उन्होंने भारत को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार द्विपक्षीय व्यापार घाटे को कम करने के लिए प्रयास करेगी, जो अभी चीन के पक्ष में है।
इससे पहले, संयुक्त आर्थिक समूह को संबोधित करते हुए शर्मा ने चीन को भारत का निर्यात बढ़ाने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने चीन से आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं का आयात बढ़ाने को कहा ताकि भारत के साथ व्यापार असंतुलन सही किया जा सके। (भाषा)